Bihar Election 2025 Opinion Poll prediction : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर जारी एक नए सर्वे में दावा किया गया है कि जन सुराज पार्टी के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर इस बार चुनाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं। 14 सितंबर को आए वोट वाइब सर्वे के मुताबिक, राज्य में एनडीए और आरजेडी-कांग्रेस-वामपंथी दलों के महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला दिख रहा है। सर्वे में 36.2% लोगों ने एनडीए को वोट देने की बात कही, जबकि 35.8% ने महागठबंधन के पक्ष में मतदान की बात रखी।
सीएम नीतीश कुमार के लिए खतरे घंटी!
सर्वे नतीजों से पता चलता है कि बिहार चुनाव का परिणाम काफी हद तक वोटिंग टर्नआउट और आखिरी वक्त के बदलावों पर निर्भर करेगा। जातीय समीकरण दोनों ही गठबंधनों के लिए अहम बने हुए हैं, जबकि युवाओं का रुझान महागठबंधन की संभावनाओं को बढ़ा सकता है। जुलाई में हुए सर्वे और अब सितंबर के आंकड़ों की तुलना करें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली भाजपा-जद(यू) सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर लगभग समान रही है—जुलाई में 48.5% और सितंबर में 48%। हालांकि, सरकार के समर्थन में झुकाव जुलाई के 18.3% से बढ़कर सितंबर में 27.1% तक पहुंच गया है।
किधर के मुस्लिम समुदाय का झुकाव?
सर्वे के डेमोग्राफी एनालिसिस में सामने आया कि 18 से 24 साल के युवाओं में सरकार के खिलाफ सबसे ज़्यादा नाराजगी है। इनमें से 57% ने महागठबंधन का समर्थन किया, जबकि 45 साल से ऊपर के मतदाता एनडीए के साथ ज़्यादा दिखे। धार्मिक आधार पर देखें तो मुस्लिम समुदाय का रुझान महागठबंधन की ओर सबसे मजबूत है। सर्वे में शामिल 70% मुसलमानों ने महागठबंधन को चुना, जबकि सिर्फ 5% ने एनडीए के पक्ष में वोट देने की बात कही।
एमडीए के लिए कहां है राहत?
सर्वे के मुताबिक, एनडीए को ऊंची जातियों से सबसे ज्यादा समर्थन मिलने की संभावना है। इस वर्ग के 55% लोगों ने एनडीए को वोट देने की बात कही, जबकि 15% महागठबंधन के पक्ष में रहे। ओबीसी मतदाता बंटे हुए दिखे—43% ने एनडीए और 36% ने महागठबंधन को चुना। अनुसूचित जातियों में भी एनडीए का पलड़ा भारी नज़र आया। यहाँ 43% लोगों ने एनडीए का समर्थन किया, जबकि 25% ने महागठबंधन को वोट देने की बात कही।
प्रशांत किशोर का उभार
सर्वे में यह सामने आया है कि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी बिहार चुनाव में तीसरे विकल्प के रूप में जगह बना सकती है। अब तक जहां चुनाव आम तौर पर दो बड़े गठबंधनों के बीच होते रहे हैं, वहीं जेएसपी 8.7% अनुमानित वोट शेयर के साथ संभावित किंगमेकर साबित हो सकती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रशांत किशोर का प्रभाव उन सीटों पर खास तौर पर अहम होगा, जहाँ एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर है। जब लोगों से पूछा गया कि वे किसे मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, तो 13.70% उत्तरदाताओं ने प्रशांत किशोर का नाम लिया।
सीएम के रूप में कौन है पहली पसंद
सर्वे के नतीजों में दिखा कि मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे लोकप्रिय चेहरा अभी भी राजद नेता तेजस्वी यादव हैं। जहां 24% लोगों ने नीतीश कुमार को दोबारा मुख्यमंत्री देखने की इच्छा जताई, वहीं 33.5% ने तेजस्वी को अपनी पसंद बताया। जुलाई के सर्वे में नीतीश को 25% समर्थन मिला था, जो सितंबर में घटकर 24% रह गया। इसके उलट, तेजस्वी का समर्थन थोड़ा बढ़ा—जुलाई में 32.1% से सितंबर में 33.5% तक। सर्वे में पाया गया कि जुलाई में जहां 12.4% लोगों ने प्रशांत किशोर को अगला मुख्यमंत्री माना था, वहीं सितंबर में यह संख्या बढ़कर 13.7% हो गई। बिहार विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले हैं और जल्द ही चुनाव आयोग तारीखों की आधिकारिक घोषणा कर सकता है।
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