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Bihar Chunav 2025: इस बार बिहार चुनाव में देखने को मिलेंगे 17 नए बदलाव, आगे देशभर में लागू होंगी ये पहल

Bihar Election 2025: मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में “बिहार फर्स्ट इनिशिएटिव्स” नाम के पहलों की घोषणा की, जिन्हें चुनाव की तैयारी से लेकर मतगणना तक सभी चरणों में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये पहल आगामी चुनावों के दौरान सभी राज्यों में शुरू की जाएंगी

अपडेटेड Oct 06, 2025 पर 9:07 PM
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Bihar Chunav 2025: इस बार बिहार चुनाव में देखने को मिलेंगे 17 नए बदलाव, आगे देशभर में लागू होंगी ये पहल

चुनाव आयोग (EC) ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान शुरू की जाने वाली 17 नई पहलों की सोमवार को घोषणा की, जिनमें सभी मतदान केंद्रों पर अनिवार्य ‘वेबकास्टिंग’ और मोबाइल फोन जमा करने की सुविधा शामिल है। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में “बिहार फर्स्ट इनिशिएटिव्स” नाम के पहलों की घोषणा की, जिन्हें चुनाव की तैयारी से लेकर मतगणना तक सभी चरणों में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये पहल आगामी चुनावों के दौरान सभी राज्यों में शुरू की जाएंगी।

पहली बार, सभी मतदान केंद्रों के बाहर मोबाइल फोन जमा कराने के लिए काउंटर उपलब्ध होंगे। भीड़भाड़ से बचने के लिए हर एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या भी 1,200 तक सीमित कर दी गई है।

चुनाव आयोग मतदाताओं के सत्यापन को आसान बनाने के लिए मतदाता सूचना पर्चियां जारी करेगा जिन पर क्रम संख्या और भाग संख्या (मतदान केंद्र का विवरण) लिखे होंगे।


एक ‘डिजिटल प्लेटफॉर्म’ ECINet पर समय समय पर मतदान के बारे में जानकारी साझा की जाएगी और पीठासीन अधिकारी समय अंतराल को कम करने के लिए मतदान के दिन हर दो घंटे में ऐप पर मतदान डेटा अपलोड करेंगे।

सभी मतदान केंद्रों पर 100 प्रतिशत ‘वेबकास्टिंग’ होगी और मतदान केंद्रों के 100 मीटर के बाहर ही उम्मीदवारों के बूथ बनाने की अनुमति होगी।

आयोग ने EVM मतपत्रों को और ज्यादा आसानी से पढ़ने योग्य बनाने के लिए दिशा-निर्देशों में भी संशोधन किया है और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में पहली बार उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें होंगी।

फॉर्म 17C और EVM डेटा के बीच बेमेल होने की स्थिति में VVPAT (वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) पर्चियों की गिनती अनिवार्य होगी। जिन केंद्रों पर मतदान के अभ्यास से जुड़ा डेटा मिटाया नहीं जा सकेगा, वहां पर भी VVPAT पर्चियों की गिनती अनिवार्य होगी।

चुनाव क्षेत्र स्तर पर चुनाव संबंधी डेटा तक सभी हितधारकों की पहुंच को बढ़ावा देने के लिए एक प्रणाली भी उपलब्ध होगी। चुनाव आयोग ‘डिजिटल इंडेक्स कार्ड’ और रिपोर्ट पेश करेगा।

शुरुआती चरण में आयोग ने राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ-स्तरीय एजेंटों (बीएलए) के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया। उन्हें मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया में सहयोग से जुड़े विभिन्न पहलुओं का प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत अपील के प्रावधान का उपयोग भी शामिल है।

बिहार समेत देश भर के 7,000 से ज़्यादा बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) और बीएलओ सुपरवाइज़रों को नयी दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट (आईआईआईडीईएम) में प्रशिक्षण दिया गया।

इसके अलावा, चुनाव के दौरान तैयारियों के लिए बिहार पुलिस के लिए विशेष सत्र भी आयोजित किए गए।

बिहार में छह और 11 नवंबर को दो चरण में मतदान होंगे। मतगणना 14 नवंबर को होगी।

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