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Bihar Chunav Survey: नीतीश कुमार या तेजस्वी...किसके लिए खतरे की घंटी बने प्रशांत किशोर? सर्वे में आए हैरान करने वाले आंकड़े

Bihar Election 2025 Opinion Poll prediction : सर्वे नतीजों से पता चलता है कि बिहार चुनाव का परिणाम काफी हद तक वोटिंग टर्नआउट और आखिरी वक्त के बदलावों पर निर्भर करेगा। जातीय समीकरण दोनों ही गठबंधनों के लिए अहम बने हुए हैं, जबकि युवाओं का रुझान महागठबंधन की संभावनाओं को बढ़ा सकता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 15, 2025 पर 2:34 PM
Bihar Chunav Survey: नीतीश कुमार या तेजस्वी...किसके लिए खतरे की घंटी बने प्रशांत किशोर? सर्वे में आए हैरान करने वाले आंकड़े
Bihar Assembly Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर जारी एक नए सर्वे में हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए हैं।

 Bihar Election 2025 Opinion Poll prediction : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर जारी एक नए सर्वे में दावा किया गया है कि जन सुराज पार्टी के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर इस बार चुनाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं। 14 सितंबर को आए वोट वाइब सर्वे के मुताबिक, राज्य में एनडीए और आरजेडी-कांग्रेस-वामपंथी दलों के महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला दिख रहा है। सर्वे में 36.2% लोगों ने एनडीए को वोट देने की बात कही, जबकि 35.8% ने महागठबंधन के पक्ष में मतदान की बात रखी।

सीएम नीतीश कुमार के लिए  खतरे घंटी!

सर्वे नतीजों से पता चलता है कि बिहार चुनाव का परिणाम काफी हद तक वोटिंग टर्नआउट और आखिरी वक्त के बदलावों पर निर्भर करेगा। जातीय समीकरण दोनों ही गठबंधनों के लिए अहम बने हुए हैं, जबकि युवाओं का रुझान महागठबंधन की संभावनाओं को बढ़ा सकता है। जुलाई में हुए सर्वे और अब सितंबर के आंकड़ों की तुलना करें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली भाजपा-जद(यू) सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर लगभग समान रही हैजुलाई में 48.5% और सितंबर में 48%। हालांकि, सरकार के समर्थन में झुकाव जुलाई के 18.3% से बढ़कर सितंबर में 27.1% तक पहुंच गया है।

किधर के मुस्लिम समुदाय का झुकाव?

सर्वे के डेमोग्राफी एनालिसिस में सामने आया कि 18 से 24 साल के युवाओं में सरकार के खिलाफ सबसे ज़्यादा नाराजगी है। इनमें से 57% ने महागठबंधन का समर्थन किया, जबकि 45 साल से ऊपर के मतदाता एनडीए के साथ ज़्यादा दिखे। धार्मिक आधार पर देखें तो मुस्लिम समुदाय का रुझान महागठबंधन की ओर सबसे मजबूत है। सर्वे में शामिल 70% मुसलमानों ने महागठबंधन को चुना, जबकि सिर्फ 5% ने एनडीए के पक्ष में वोट देने की बात कही।

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