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बिहार विधानसभा चुनाव बहिष्कार करेगा विपक्ष? वोटर लिस्ट रिवीजन पर तेजस्वी यादव ने दिया संकेत

Bihar Assembly Election 2025: इससे पहले, बिहार विधानसभा में SIR पर तेजस्वी की टिप्पणी से नीतीश कुमार नाराज हो गए और दोनों के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया। मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत हमले किए, जबकि विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के सदस्यों ने एक-दूसरे के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया

अपडेटेड Jul 23, 2025 पर 8:45 PM
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बिहार विधानसभा चुनाव बहिष्कार करेगा विपक्ष? वोटर लिस्ट रिवीजन पर तेजस्वी यादव ने दिया संकेत

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और RJD नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को एक बड़ा बयान दिया, जिसमें उन्होंने राज्य में मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य को कारण आगामी चुनावों के संभावित बहिष्कार का संकेत दिया। राज्य विधानसभा में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ तीखी बहस के बाद तेजस्वी ने आरोप लगाया कि चल रही यह कवायद "बेईमानी" प्रकृति की है।

यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्ष आपसी सहमति से चुनाव बहिष्कार का फैसला ले सकता है, तेजस्वी ने न्यूज एजेंसी IANS से कहा, "इस पर भी चर्चा हो सकती है। हम देखेंगे कि जनता क्या चाहती है और सबकी क्या राय है।" उन्होंने आगे कहा, "जब सब कुछ पहले ही बेईमानी से तय हो चुका है... तो चुनाव कराने का क्या मतलब है?"

'नकली वोटर का यह डर कैसा है?'


इससे पहले, बिहार विधानसभा में SIR पर तेजस्वी की टिप्पणी से नीतीश कुमार नाराज हो गए और दोनों के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया। मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत हमले किए, जबकि विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के सदस्यों ने एक-दूसरे के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया।

तेजस्वी जब संशोधन प्रक्रिया पर बयान दे रहे थे, तभी नीतीश ने हस्तक्षेप करते हुए उन्हें "बच्चा" कहा। स्थिति तेजी से बिगड़ गई, जिसके कारण अध्यक्ष नंद किशोर यादव को सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी, जबकि सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई थी और यह मुश्किल से 30 मिनट ही चली थी।

राज्य में चुनाव आयोग की कार्यवाही के विरोध में तेजस्वी काली टी-शर्ट पहने हुए दिखे। उन्हें स्पीकर की ओर से इस मुद्दे पर बयान देने की अनुमति दी गई।

उन्होंने कहा, "हम SIR के विरोधी नहीं हैं, लेकिन चुनाव आयोग जिस तरह से यह प्रक्रिया अपना रहा है, वो आपत्तिजनक है। जब चुनाव नजदीक हैं, तो इतनी देर क्यों? वे इसे कुछ महीने पहले भी कर सकते थे।"

उन्होंने कहा, "राज्य में केवल दो-तीन प्रतिशत मतदाताओं के पास ही वे दस्तावेज हो सकते हैं, जिन्हें चुनाव आयोग उनसे दिखाने के लिए कह रहा है। नकली मतदाताओं का यह डर किस बात का है? क्या चुनाव आयोग यह कहना चाहता है कि नकली मतदाताओं ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री और नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया है? चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दिए अपने हलफनामे में वोटर लिस्ट में किसी भी विदेशी नागरिक के नाम का जिक्र नहीं किया है।"

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