Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने अपनी छठी सूची जारी कर दी है, जिसमें 6 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है। इसके साथ ही पार्टी ने अब तक कुल 60 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब INDIA ब्लॉक के प्रमुख सहयोगियों, RJD और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे और नेतृत्व को लेकर कलह अपने चरम पर है। बता दें कि कांग्रेस पार्टी अब तक कुल 60 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है।
तीसरी सूची में कांग्रेस ने खेला विवादास्पद सीटों पर दांव
नई लिस्ट में कांग्रेस ने कुछ ऐसी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं जो महागठबंधन के भीतर तनाव का केंद्र बनी हुई हैं:
1. वाल्मीकि नगर में सुरेंद्र प्रसाद कुशवाहा
2. अररिया में अबीदुर रहमान
5. कहलगांव में प्रवीण सिंह कुशवाहा
6. सिकंदरा में विनोद चौधरी
कांग्रेस ने कहलगांव से प्रवीण कुशवाहा पर दांव लगाया है, जबकि यह सीट RJD और कांग्रेस के बीच सबसे विवादास्पद सीटों में से एक रही है। वहीं, सिकंदरा सीट के लिए विनोद चौधरी पर भरोसा जताया गया है।
RJD में खुली बगावत और टिकट बेचने के लगे आरोप
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, दूसरे और आखिरी चरण के नामांकन के लिए 24 घंटे से भी कम समय बचा है, लेकिन INDIA ब्लॉक में अभी भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय नहीं हो पाया है। इस अस्थिरता ने RJD और कांग्रेस दोनों के असंतुष्ट नेताओं को पार्टी नेतृत्व पर 'टिकट बेचने' के गंभीर आरोप लगाने के लिए मजबूर कर दिया है।
RJD मीडिया सेल हेड रितु जायसवाल ने की बगावत
RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव अपने आवास से मनमाने तरीके से पार्टी का चुनाव चिन्ह बांटते देखे गए। इससे नाखुश पार्टी की मीडिया सेल की अध्यक्ष रितु जायसवाल ने आधिकारिक उम्मीदवार स्मिता पूर्वे के खिलाफ परिहार सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करने की घोषणा कर दी। उन्होंने फेसबुक पोस्ट में आरोप लगाया कि 2020 में उनकी हार के पीछे पूर्वे के ससुर रामचंद्र पूर्वे (पूर्व प्रदेश अध्यक्ष) का हाथ था।
लालू यादव के आवास के बाहर हुआ खूब हंगामा
लालू यादव के आवास 10, सर्कुलर रोड, पटना पर टिकट चाहने वालों की भीड़ में पूरे दिन हंगामा चलता रहा। मधुबन सीट से पिछली बार मामूली अंतर से हारने वाले मदन प्रसाद साह को जब टिकट नहीं मिला, तो वे फूट-फूटकर रोने लगे, कपड़े फाड़ दिए और सड़क पर लेट गए। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने 1990 के दशक से लालू यादव का साथ दिया और 2020 के चुनाव लड़ने के लिए अपनी जमीन तक बेच दी थी। साह ने तेजस्वी यादव पर 'घमंडी' होने का आरोप लगाया और कहा कि टिकट एक BJP एजेंट को दिया गया है।