Bihar Election 2025: NDA हो या INDA सीट बंटवारे में सभी के सामने चुनौतियां!
Bihar Election 2025: तेजस्वी प्रसाद यादव के घर पर हुई बैठक के बाद, इस घटनाक्रम से जुड़े नेताओं ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (INDIA) के तहत कैसे लड़ेंगे। इसमें हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा और पशुपति पारस का LJP गुट शामिल है
Bihar Election 2025: NDA हो या INDA सीट बंटवारे में सभी के सामने चुनौतियां!
इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में सीट बंटवारे की बातचीत दोनों के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और दूसरी तरफ महागठबंधन। महागठबंधन में दो नई पार्टियों - झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और पशुपति पारस के LJP गुट के शामिल होने से गठबंधन सहयोगियों सीट बंटवारे को लेकर अब नई रणनीति अपनानी शुरू कर दी हैं।
शनिवार को तेजस्वी प्रसाद यादव के घर पर हुई बैठक के बाद, इस घटनाक्रम से जुड़े नेताओं ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (INDIA) के तहत कैसे लड़ेंगे। इसमें हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा और पशुपति पारस का LJP गुट शामिल है। कांग्रेस और CPI-ML भी ज्यादा सीटों की मांग कर रहे हैं।
वहीं, सत्ताधारी NDA गठबंधन में बातचीत और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है, क्योंकि चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की मांगें बढ़ गई हैं। इसके अलावा, बिहार के मुख्यमंत्री और JD(U) प्रमुख नीतीश कुमार ने शनिवार को अचानक की गई घोषणा ने भी आपसी सहमति के नंबर को लेकर सस्पेंस बढ़ा दिया है।
नीतीश कुमार ने बक्सर जिले की राजपुर (आरक्षित) विधानसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पूर्व राज्य मंत्री संतोष कुमार निराला का नाम घोषित किया। यह घोषणा NDA सहयोगी दलों- BJP, JD(U), LJP(RV), HAM और RLM के बीच औपचारिक सीट बंटवारे से पहले की गई।
महागठबंधन का 2020 का सीट बंटवारा:
पिछली बार RJD ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था, कांग्रेस ने 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, CPI-ML लिबरेशन 19 सीटों पर, CPI 6 और CPM 4 सीटों पर।
अब कहा जा रहा है कि RJD 122-124 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, कांग्रेस 58-62, लेफ्ट पार्टियां 31-33, VIP 20-22, RLJP 5-7 और JMM 2-3 सीटों पर।
बिहार के महागठबंधन में फिलहाल छह दल हैं- लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, CPI, CPM और VIP। अब इसमें JMM और LJP (पारस) भी शामिल हो गए हैं। इसका मतलब है कि अब राज्य की 243 विधानसभा सीटें इन आठ दलों के बीच बंटनी होंगी, जिससे आम सहमति बनाना मुश्किल हो गया है।
एक और संभावित झगड़े का कारण
महागठबंधन के लिए एक और संभावित विवाद VIP (विकाशशील इंसान पार्टी) के मुखिया मुकेश साहनी की शामिल होने से पैदा हो सकता है। साहनी ने 50 सीटों और गठबंधन जीतने पर उपमुख्यमंत्री का पद मांगा है।
मुकेश साहनी यह भी चाहते हैं कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने के साथ-साथ महागठबंधन उन्हें उपमुख्यमंत्री उम्मीदवार भी घोषित करे।
सूत्रों के अनुसार, RJD के तेजस्वी यादव या कांग्रेस के लिए मुकेश साहनी को मनाना आसान नहीं होगा। संभावना है कि पार्टी को 20 से 25 सीटें मिल सकती हैं। कई पार्टियों को इस संख्या पर भी आपत्ति है क्योंकि पिछली बार साहनी ने 11 सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल 4 जीतें।
NDA के भीतर जारी मतभेद
NDA कैंप के अंदर भी समय-समय पर छोटे-मोटे विवाद सामने आते रहते हैं। इसका नया उदाहरण जीतन राम मांझी के बयान से सामने आया है। उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी- हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, अगर BJP नेतृत्व वाले NDA में अपना हिस्सा नहीं पाई, तो अकेले चुनाव लड़ेगी।
हालांकि, शनिवार को उन्होंने यह बयान वापस ले लिया और कहा कि उन्होंने केवल पार्टी कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने के लिए यह कहा था।
चिराग पासवान का फैक्टर
जीतन राम मांझी अपने कैबिनेट सहयोगी और गठबंधन साथी चिराग पासवान के साथ अच्छे संबंधों में नहीं माने जाते। हाल ही में उन्होंने पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) की "40 से ज्यादा सीटें" मांग पर नाराजगी जताई।
पिछले हफ्ते, LJP (RV) सांसद अरुण भारती ने कहा था कि पार्टी को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में NDA के हिस्से के रूप में 43 से 137 सीटों के बीच मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि LJP (RV) पहली बार नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले JD(U) के साथ चुनाव लड़ेगी।
ध्यान देने वाली बात है कि चिराग पासवान की LJP (RV) ने पिछले साल के लोकसभा चुनाव में लड़ी गई सभी पांच सीटें जीत ली थीं।