Bihar Election Exit Poll: एग्जिट पोल में निकली RJD की हवा! टूट सकता है तेजस्वी के CM बनने का सपना

Bihar Election Exit Poll: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 दूसरे चरण के वोटिंग के खत्म होने के बाद एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आ गए हैं। एग्जिट पोल के आंकड़ों में आरजेडी को बड़ा झटका लगा है। जानें एग्जिट पोल में आरजेडी को कितनी सीट मिल रही है

अपडेटेड Nov 11, 2025 पर 8:49 PM
Story continues below Advertisement
Bihar Election Exit Poll: एग्जिट पोल के आंकड़े से महागठबंधन और खासकर आरजेडी के लिए बड़ा झटका लग सकता है

Bihar Election Exit Poll: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 दूसरे चरण के वोटिंग के समाप्त होते ही है, एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आ गए हैं। दो चरणों में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे तो 14 नवंबर को आएंगे पर एग्जिट पोल के आंकड़ों में आरजेडी को बड़ा झटका लगा है। कई महीनों तक प्रचार और रोजगार के मुद्दों पर चुनाव लड़ने की कोशिश के बावजूद, एग्जिट पोल के आंकड़े राष्ट्रीय जनता दल के लिए निराशाजनक रहे हैं। ज्यादातर एग्जिट पोल के अनुसार, महागठबंधन को सिर्फ 75 से 100 सीटें मिलने का अनुमान है। अगर 14 नवंबर को आने वाले असली नतीजे भी ऐसे ही रहे, तो यह महागठबंधन और खासकर आरजेडी के लिए बड़ा झटका साबित होगा।

तेजस्वी को बड़ा झटका

News18 के एग्जिट पोल के मुताबिक, आरजेडी को इस बार सिर्फ 50 से 60 सीटें मिलने का अनुमान है, जो 2020 के मुकाबले काफी कम है। साल 2020 में आरजेडी ने अकेले 75 सीटें जीती थीं। बाकी प्रमुख एग्जिट पोल्स ने भी महागठबंधन के लिए सीमित सीटें मिलने का अनुमान जताया है। पीपल्स पल्स ने आरजेडी को 75 से 101, पीपल्स इनसाइट्स ने 87 से 102, मैट्राइज ने 70 से 90, चाणक्य स्ट्रैटेजीज ने 100 से 108 और दैनिक भास्कर ने 73 से 91 सीटों का अनुमान लगाया है। इन सभी आंकड़ें सही साबित होते हैं तो महागठबंधन की मुश्किलें काफी बढ़ने वाली हैं।


आरजेडी ने अपनाई थी ये रणनीति

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी के प्रचार अभियान में इस बार पार्टी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ज्यादा सक्रीय नजर नही आए थे। चुनाव का प्रचार पूरी तरह से तेजस्वी यादव के हाथों में था। इस बार आरजेडी का कैंपेन जिन मुद्दों पर आधारित था, उसमें रोजगार, पलायन रोकने और बिहार के लोगों को बुनियादी सुविधाएं देना प्रमुख था। यह पहली बार था जब पार्टी ने अपने पुराने अंदाज से हटकर विकास और युवाओं के मुद्दों को चुनाव का केंद्र बनाया। आरजेडी के चुनाव अभियान को उस समय और मजबूती मिली जब महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को औपचारिक रूप से अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया। इससे गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर चल रही सभी अफवाहें खत्म हो गईं। पार्टी ने इस बार जनता से जुड़े मुद्दों - जैसे रोजगार, महंगाई और विकास पर जोर दिया।

2020 में हुआ था बड़ा उलटफेर

साल 2020 में आरजेडी ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 23.5% वोट शेयर के साथ 75 सीटें जीती थीं। उस समय आरजेडी का वोट प्रतिशत सभी दलों में सबसे अधिक था, जबकि भारतीय जनता पार्टी दूसरे स्थान पर रही थी। अब 2025 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी फिर से 143 सीटों पर मैदान में उतरी है, लेकिन पिछली बार के मुकाबले उसकी स्थिति कमजोर मानी जा रही है।

पिछले चुनाव का रिजल्ट

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में ज्यादातर एग्जिट पोल ने आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन की मामूली जीत का अनुमान लगाया था। 11 एग्जिट पोल के औसत अनुसार, महागठबंधन को 125 और एनडीए को 108 सीटें मिलने की उम्मीद जताई गई थी। लेकिन नतीजे पूरी तरह उलट निकले। फाइनल परिणाम में एनडीए को 125 सीटें मिलीं, जबकि महागठबंधन 110 सीटों पर सिमट गया। उस समय लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने अकेले चुनाव लड़ा था और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी), जो अब विपक्ष में है, तब एनडीए का हिस्सा थी।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।