Bihar Chunav 2025: क्या ज्यादा वोटिंग सत्ता परिवर्तन का संकेत? मतदान प्रतिशत से कैसे हर बार तय हुई नीतीश-लालू की किस्मत!

Bihar Elections 2025: इस बार, NDA और महागठबंधन – दोनों ही पक्षों ने दावा किया है कि ये रिकॉर्ड मतदान उनके पक्ष में गया है। महागठबंधन (जिसमें RJD और कांग्रेस शामिल हैं) का दावा है कि आमतौर पर ज्यादा मतदान को सत्ता विरोधी माहौल की निशानी माना जाता है। हालांकि, कई मामलों में यह सत्ता के पक्ष में उत्साह भी दर्शाता रहा है

अपडेटेड Nov 07, 2025 पर 6:29 PM
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Bihar Chunav 2025: क्या ज्यादा वोटिंग सत्ता परिवर्तन का संकेत? मतदान प्रतिशत से कैसे हर बार तय हुई नीतीश-लालू की किस्मत!

बिहार में मतदान प्रतिशत के आंकड़े अक्सर राज्य के दो बड़े नेताओं - JDU के नीतीश कुमार और RJD के लालू प्रसाद यादव की चुनावी तकदीर से जुड़े रहे हैं। इस बार 2025 के चुनाव में पहले चरण में बिहार ने अपना अब तक का सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशत दर्ज किया है (64.66%)। बीते चुनावों के रुझान बताते हैं कि यहां कई बार दिलचस्प बदलाव देखने को मिले हैं। दूसरे चरण में 122 सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होना है। नतीजे तीन दिन बाद घोषित किए जाएंगे।

इस बार, NDA और महागठबंधन – दोनों ही पक्षों ने दावा किया है कि ये रिकॉर्ड मतदान उनके पक्ष में गया है। महागठबंधन (जिसमें RJD और कांग्रेस शामिल हैं) का दावा है कि आमतौर पर ज्यादा मतदान को सत्ता विरोधी माहौल की निशानी माना जाता है। हालांकि, कई मामलों में यह सत्ता के पक्ष में उत्साह भी दर्शाता रहा है।

दावों के बावजूद, पिछले चुनावों के विश्लेषण से पता चलता है कि बिहार में मतदान प्रतिशत एक दिलचस्प कहानी कहता है, जो अक्सर यह तय करता है कि नीतीश कुमार या लालू प्रसाद कौन सरकार बनाएंगे।


एक विश्लेषण से पता चलता है कि हर बार जब भी नीतीश कुमार सत्ता में लौटे हैं, तो मतदान प्रतिशत 60% से नीचे ही रहा है।

पिछले चुनावों का विश्लेषण

  • 2005 में, जब नीतीश ने पहले बार NDA को स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता दिलाई, तब मतदान प्रतिशत 45.85% था।
  • 2010 में, जब फिर से नीतीश के नेतृत्व में NDA ने चुनाव जीतें, उस समय मतदान प्रतिशत बढ़कर 52.73% हुआ।
  • 2015 में, नीतीश ने जब लालू प्रसाद यादव के साथ हाथ मिलाया और महागठबंधन के रूप में सरकार बनाई। उस समय मतदान प्रतिशत फिर से 56.91% रहा, यानी 60% से नीचे।
  • 2020 में, 57.29% मतदाताओं ने मतदान किया, जिसमें नीतीश, जो तब फिर NDA के पाले में चले गए थे और एक करीबी मुकाबले में जीत हासिल करने में कामयाब रहे।

लालू की वापसी और मतदान प्रतिशत

इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए, बिहार के चुनावों में लालू प्रसाद यादव की वापसी और मतदान प्रतिशत का विश्लेषण करें। उनकी सत्ता वापसी पर मतदान का प्रतिशत हमेशा 60% से ऊपर रहा है।

  • 1990 में, जब पहली बार लालू प्रसाद यादव सत्ता में आए, मतदान प्रतिशत 62.04% था।
  • 1995 में, उन्होंने सत्ता बनाए रखी, मतदान प्रतिशत 61.79% रहा।
  • 2000 में, राबड़ी देवी के नेतृत्व में RJD ने चुनाव जीते, उस साल मतदान प्रतिशत लगभग 62.57% था।

एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि जब भी वोटर टर्नआउट में 5% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है, तब सरकार में बदलाव हुआ है।

हाल ही में, 2025 बिहार चुनावों के पहले चरण में 64.66% वोटिंग हुई, जो 2020 के 56.1% से 8.5 प्रतिशत ज्यादा है। अब यह तो समय ही बताएगा कि क्या रिकॉर्ड मतदान नीतीश कुमार के विरोध में जाता है या ये उनके शासन के लिए नए समर्थन की शुरुआत है।

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