बिहार में मतदान प्रतिशत के आंकड़े अक्सर राज्य के दो बड़े नेताओं - JDU के नीतीश कुमार और RJD के लालू प्रसाद यादव की चुनावी तकदीर से जुड़े रहे हैं। इस बार 2025 के चुनाव में पहले चरण में बिहार ने अपना अब तक का सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशत दर्ज किया है (64.66%)। बीते चुनावों के रुझान बताते हैं कि यहां कई बार दिलचस्प बदलाव देखने को मिले हैं। दूसरे चरण में 122 सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होना है। नतीजे तीन दिन बाद घोषित किए जाएंगे।
इस बार, NDA और महागठबंधन – दोनों ही पक्षों ने दावा किया है कि ये रिकॉर्ड मतदान उनके पक्ष में गया है। महागठबंधन (जिसमें RJD और कांग्रेस शामिल हैं) का दावा है कि आमतौर पर ज्यादा मतदान को सत्ता विरोधी माहौल की निशानी माना जाता है। हालांकि, कई मामलों में यह सत्ता के पक्ष में उत्साह भी दर्शाता रहा है।
दावों के बावजूद, पिछले चुनावों के विश्लेषण से पता चलता है कि बिहार में मतदान प्रतिशत एक दिलचस्प कहानी कहता है, जो अक्सर यह तय करता है कि नीतीश कुमार या लालू प्रसाद कौन सरकार बनाएंगे।
एक विश्लेषण से पता चलता है कि हर बार जब भी नीतीश कुमार सत्ता में लौटे हैं, तो मतदान प्रतिशत 60% से नीचे ही रहा है।
पिछले चुनावों का विश्लेषण
लालू की वापसी और मतदान प्रतिशत
इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए, बिहार के चुनावों में लालू प्रसाद यादव की वापसी और मतदान प्रतिशत का विश्लेषण करें। उनकी सत्ता वापसी पर मतदान का प्रतिशत हमेशा 60% से ऊपर रहा है।
एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि जब भी वोटर टर्नआउट में 5% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है, तब सरकार में बदलाव हुआ है।
हाल ही में, 2025 बिहार चुनावों के पहले चरण में 64.66% वोटिंग हुई, जो 2020 के 56.1% से 8.5 प्रतिशत ज्यादा है। अब यह तो समय ही बताएगा कि क्या रिकॉर्ड मतदान नीतीश कुमार के विरोध में जाता है या ये उनके शासन के लिए नए समर्थन की शुरुआत है।