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Bihar Chunav 2025: मदरसा बोर्ड के कार्यक्रम में शिक्षकों का हंगामा, सैलरी नहीं मिलने से नाराज CM नीतीश कुमार के सामने लहराए पर्चे

Bihar Elections 2025: राजधानी पटना के 'बापू सभागार' में बिहार मदरसा शिक्षा बोर्ड के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने जमकर हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री के सामने मदरसा शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी की। इस कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के काफी लोग जुटे हुए थे। इसी दौरान मदरसा शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर हंगामा शुरू कर दिया

अपडेटेड Aug 21, 2025 पर 3:22 PM
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Bihar Elections 2025: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने पटना में मदरसा शिक्षकों ने जमकर हंगामा किया (फाइल फोटो)

Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले गुरुवार (21 अगस्त) को राजधानी पटना के 'बापू सभागार' में राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने जमकर हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री के सामने मदरसा शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी की। इस कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के काफी लोग जुटे हुए थे। सीएम नीतीश कुमार यहां अल्पसंख्यकों से संवाद करने और अपने सरकार के कार्यों के बारे में उन्हें बताने पहुंचे थे। इसी दौरान मदरसा शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर हंगामा शुरू कर दिया।

शिक्षकों ने यह हंगामा पेंडिंग सैलरी को लेकर किया। उनका कहना था कि सीएम नीतीश कुमार आज ही उनकी पेंडिंग सैलरी जारी करें। सीएम नीतीश कुमार मदरसा बोर्ड के 100वीं वर्षगांठ को लेकर आयोजित समारोह में पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के टीचर मौजूद थे। इस कार्यक्रम का नाम 'माइनॉरिटी डायलॉग' था।

नीतीश कुमार जब मुसलमानों से रूबरू हुए तो कुछ लोगों ने प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जाहिर की। इस दौरान, सीएम नीतीश ने मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ संवाद भी किया। नीतीश कुमार ने लालू-राबड़ी शासन की याद दिलाते हुए मुस्लिम समुदाय से कहा कि RJD की सरकार में मुसलमानों के लिए कुछ काम नहीं किया गया। उन्होंने कहा, "मुसलमानों के लिए हमने काम किया है। हम पर भरोसा कीजिए।"


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में बिहार में मदरसा शिक्षा बोर्ड का गठन किया है। उन्होंने इसकी जिम्मेदारी JDU के प्रमुख मुस्लिम नेता सलीम परवेज को सौंपी है। नीतीश कुमार की सलाह पर ही सलीम परवेज ने इस भव्य आयोजन का किया किया। लेकिन हंगामे की वजह से कार्यक्रम सफल नहीं हो पाया।

कार्यक्रम का क्या था मकसद?

दरअसल, बिहार की सत्ता पर फिर वापसी के लिए जुटे सीएम नीतीश कुमार इन दिनों JDU के सियासी आधार को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं। महिलाओं और युवाओं के बाद अब नीतीश की नजर मुस्लिम समुदाय के वोट बैंक पर है। पटना का कार्यक्रम मुस्लिम समुदाय को एकजुट करने और उनकी एजुकेशन सिस्टम को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

सीएम ने क्या कहा?

NDTV के मुताबिक, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा, "पहले की सरकार में कोई काम नहीं होता था। 2005 से पहले मुस्लिमों का हाल तो और बुरा था। हमारी सरकार आई तो हमनें कब्रिस्तान की घेराबंदी करवाई है। हमारी सरकार ने मदरसा के शिक्षकों को सरकारी टीचर जितना सैलरी दिया जा रहा है। हमने पहली बार समान वेतन शुरू किया।"

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सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के हक के लिए भी काम किया है। नीतीश कुमार ने कहा, "1989 में भागलपुर में दंगा हुआ था। लेकिन पहले की सरकारों द्वारा मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई। जब हमलोगों की सरकार बनी तो हमने इस मामले में जांच करके कार्रवाई की और सजा दिलाई। मुस्लिम पीड़ितों को हमने मुआवजा भी दिया।"

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