Patepur Bihar Election 2025: बिहार में कुल 243 विधानसभा सीट है। इसमें वैशाली जिले की पातेपुर विधानसभा सीट (क्रमांक 130) बिहार की राजनीति में खास अहमियत रखती है। यह सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है। यह उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। ग्रामीण इलाकों में फैली इस सीट पर हर बार दलों का जोर-आजमाइश देखने को मिलती है। कभी कांग्रेस, कभी RJD, तो कभी BJP, लगभग सभी प्रमुख दल इस सीट से जीत का स्वाद चख चुके हैं। यही वजह है कि पातेपुर का चुनावी समीकरण हमेशा रोमांचक रहा है।
पिछले विधानसभा चुनाव में BJP उम्मीदवार लखेंद्र कुमार रौशन ने RJD के शिवचंद्र राम को शिकस्त दी थी। रौशन को 86,509 वोट मिले। जबकि शिवचंद्र राम को 60,670 वोट हासिल हुए। जीत का अंतर 25,839 वोटों का रहा। लखेंद्र रौशन को 52.15% वोट मिले। जबकि शिवचंद्र राम को 36.57% वोट मिले। इस नतीजे ने साफ कर दिया कि NDA ने यहां मजबूत पकड़ बनाई है।
2015 में यह सीट RJD के खाते में गई थी। उस समय प्रेमा चौधरी (RJD) ने बीजेपी के महेंद्र बैठा को करीब 12,000 वोटों से हराया था। प्रेमा चौधरी को 67,548 वोट और महेंद्र बैठा को 55,087 वोट मिले थे। अगर 2010 की बात करे तो, उस समय तस्वीर उलटी थी। उसी महेंद्र बैठा (BJP) ने RJD की प्रेमा चौधरी को बड़े अंतर से हराया और सीट बीजेपी के खाते में गई थी।
2020 में पातेपुर विधानसभा में कुल 2,90,677 मतदाता रजिस्टर्ड थे। इनमें 1,54,804 पुरुष, 1,35,870 महिलाएं और थर्ड जेंडर के मतदाता शामिल थे। 2015 में मतदाता संख्या 2.60 लाख थी। जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव तक यह बढ़कर लगभग 3,05,375 हो गई। मतदान प्रतिशत की बात करें तो यह सीट लगातार करीब 57% वोटिंग के आसपास रहती है।
पातेपुर विधानसभा क्षेत्र का जातीय समीकरण
पातेपुर विधानसभा का चुनावी परिणाम काफी हद तक जातीय गणित पर टिका रहता है। यहां SC मतदाताओं की संख्या लगभग 23% हैं। जबकि मुस्लिम आबादी करीब 16% है। यादव, कुशवाहा और अन्य ओबीसी समुदाय भी यहां प्रभावी भूमिका निभाते हैं। यही वजह है कि RJD यादव-मुस्लिम समीकरण को साधकर मैदान में उतरती है। जबकि भाजपा और जेडीयू दलित, सवर्ण और अन्य ओबीसी वोटों के सहारे जीत का रास्ता तलाशते हैं।
पातेपुर विधानसभा सीट के पिछले विजेताओं की लिस्ट
2020: लखेंद्र कुमार रौशन (BJP)
1995: महेंद्र बैठा (जनता दल)
1990: राम सुंदर दास (जनता दल)
1985: बालेश्वर पासवान (कांग्रेस)
1980: शिव नंदन पवन (जनता पार्टी)
1977: पलटन राम (जनता पार्टी)
1969: पलटन राम (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी)
1967: पलटन राम (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी)
1962: कमलेश राय (प्रजा सोशलिस्ट)। दल)
1957: मंज़ूर अहसन अजाज़ी (कांग्रेस)
1952: नथुनी लाल महतो (सोशलिस्ट पार्टी)
आगामी विधानसभा चुनाव 2025 में पातेपुर सीट पर फिर से कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। बीजेपी जहां अपने मौजूदा विधायक लखेंद्र रौशन के कामकाज और लोकसभा स्तर पर नित्यानंद राय की जीत के सहारे मैदान में उतरेगी। वहीं, आरजेडी अपने पारंपरिक यादव–मुस्लिम वोट बैंक और पिछली जीत (2015) की याद दिलाकर वापसी की कोशिश करेगी। राजनीतिक मंडित मानते हैं कि यह सीट 2025 में भी NDA बनाम महागठबंधन की सीधी टक्कर का गवाह बनेगी। जीत उन्हीं की होगी, जो जातीय समीकरणों के हिसाब से मैदान में उतरेगी।