बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण में 11 नवंबर को कुल 122 सीटों पर मतदान होना है। इस चरण में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी की छह महत्वपूर्ण सीटें शामिल हैं- इमामगंज, बाराचट्टी, टिकारी, अतरी, सिकंदरा और कुटुम्बा। ये सभी सीटें समस्तीपुर जिले की हैं और खास राजनीतिक महत्त्व रखती हैं।
इस चरण में पांच सीटों पर खास मुकाबला RJD और HAM के बीच होगा, जहां दोनों दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। जीतन राम मांझी भी इन इलाकों में काफी सक्रिय हैं और ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं। इस चुनाव में मांझी परिवार की प्रतिष्ठा भी दांव पर है, क्योंकि इनके कई सदस्य इस चुनावी मैदान में शामिल हैं। जीत के साथ ही मांझी की पार्टी की NDA में भूमिका और मजबूत होगी।
NDA ने उपेंद्र कुशवाहा को भी छह सीटें दी हैं, जिससे कुशवाहा और मांझी परिवार के बीच अप्रत्यक्ष प्रतियोगिता देखने को मिल रही है। मांझी परिवार की पारंपरिक सीट इमामगंज से दीपा मांझी मैदान में हैं, जो पार्टी अध्यक्ष संतोष सुमन की पत्नी और जीतन राम मांझी की बहू हैं।
बाराचट्टी सीट मांझी परिवार के लिए खास है, जहां मांझी की समधन और दीपा मांझी की मां विधायक हैं। इसके अलावा टिकारी से प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार और सिकंदर से प्रफुल्ल मांझी विधायक हैं। सिकंदरा सीट पर प्रफुल्ल मांझी का मुकाबला RJD के उदय नारायण चौधरी और कांग्रेस के विनोद चौधरी से है।
कुटुम्बा और अतरी जैसी दूसरी सीटों पर भी हमें कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। कुटुम्बा में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और हम के ललन राम के बीच लड़ाई है, जबकि अतरी में हम के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार के भतीजे रोमित का मुकाबला राजद की वैजयंती देवी से है।
यह पूरा चुनावी समीकरण मांझी परिवार और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन सीटों पर सफलता से उनकी राजनीतिक स्थिति मजबूत होगी। साथ ही, यह दूसरे चरण के चुनाव में NDA की ताकत को भी प्रभावित करेगा।
इसी के साथ पहला चरण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है और अब दूसरा चरण निर्णायक माना जा रहा है, जिसमें कई राजनीतिक दल अपनी जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।