NDA के नेता बिहार चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला करेंगे। बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि यह रणनीति इसलिए है, ताकि टिकट न मिलने पर कोई नेता पार्टी बगावत न करे या पार्टी न बदले। कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव आयोग अक्टूबर के पहले पखवाड़े में तारीखों की घोषणा कर सकता है। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को खत्म हो रहा है, इसलिए चुनाव प्रक्रिया को उस दिन तक पूरा करना होगा।
NDTV ने बीजेपी सूत्रों के हवाले से बताया, NDA के सहयोगी अभी शुरुआती बातचीत कर रहे हैं, लेकिन सीट-बंटवारे पर अंतिम निर्णय चुनाव की तारीखों के बाद ही लिया जाएगा। यह रणनीतिक कदम है, क्योंकि कई नेता टिकट न मिलने पर आखिरी समय में पार्टी छोड़ देते हैं। आखिरी समय में घोषणा से ऐसे पलायन या बगावत को रोका जा सकता है।
चिराग के लिए अच्छी डील है जरूरी
NDA के छोटे दलों के नेता अच्छी डील के लिए कड़ी सौदेबाजी कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के चिराग पासवान ने सीट-बंटवारे में 40 सीटों की मांग की है। उनके समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में भी पेश कर रहे हैं। चिराग पासवान ने कहा कि वह नीतीश कुमार को NDA का मुख्यमंत्री चेहरा मानते हैं, लेकिन उनके सार्वजनिक बयान, जिसमें उन्होंने मौजूदा सरकार की आलोचना भी की है, उसने सवाल खड़े कर दिए हैं। नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच पुराना तनाव भी है।
बीजेपी नेताओं का कहना है कि चिराग पासवान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काफी मानते हैं और NDA नहीं छोड़ेंगे, लेकिन वह सीट-बंटवारे पर समझौता नहीं करेंगे। बीजेपी सूत्रों के अनुसार, यह सौदेबाजी चिराग पासवान के लिए राजनीतिक रूप से जरूरी है, ताकि वह अपने समर्थकों को संतुष्ट कर सकें।
चिराग पासवान 40 से ज्यादा सीटें मांग रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार की JDU उन्हें 20 से ज्यादा सीटें नहीं देना चाहती। बीजेपी नेताओं का मानना है कि चिराग पासवान NDA के लिए महत्वपूर्ण हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी ने 135 सीटों पर अकेले लड़ाई लड़ी थी, लेकिन वोट कटने से नीतीश कुमार की JDU को नुकसान हुआ था। बीजेपी इस बार ऐसा नहीं चाहती।
चिराग पासवान की पार्टी ने 2024 के आम चुनाव में पांच लोकसभा सीटें जीती थीं, इसलिए उन्हें इस बार सीट-बंटवारे में कम से कम 30 विधानसभा सीटें मिलनी चाहिए। लेकिन अंतिम निर्णय चुनाव तारीखों की घोषणा के बाद ही लिया जाएगा। बीजेपी सूत्रों के अनुसार, चिराग पासवान की भावनाओं का ध्यान रखा जाएगा।
NDA का सीट-बंटवारा फॉर्मूला लगभग तैयार
बीजेपी सूत्रों के अनुसार, सीट-बंटवारे का फॉर्मूला लगभग तैयार है। बिहार में 243 विधानसभा सीटें हैं और NDA के दो बड़े खिलाड़ी JDU और BJP 100 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। JDU ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि वह गठबंधन में बड़ा भाई है।
2020 के चुनाव में भी ऐसा ही हुआ था, लेकिन बीजेपी ने 110 में से 74 सीटें जीतकर बेहतर प्रदर्शन किया था। JDU ने 115 सीटों पर लड़ाई लड़ी थी, लेकिन केवल 43 जीती थीं।
हालांकि, इस बार कुछ बदलाव भी हुए हैं। मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी अब विपक्ष में है। उपेंद्र कुशवाहा की RLM ने 2020 में AIMIM के साथ गठबंधन किया था। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की HAM भी NDA का हिस्सा है। अगर बीजेपी और JDU 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ते हैं, तो बाकी तीन सहयोगियों के पास 40 सीटों का दावा करने के लिए बचता है। ऐसे में चिराग पासवान को एडजस्ट करना पड़ सकता है। अब सवाल यह है कि कितना?