
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आज सामने आ रहे हैं। वहीं इन नतीजों में फिलहाल NDA की सरकार एक बार फिर वापसी करते दिख रही है। NDA 170 से ज्यादा सीटों पर आगे चल रही है तो वहीं महागठबंधन मात्र 60 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं बिहार चुनाव में इस बार जिस मुकाबले पर सबकी नजर है वो लालू यादव परिवार के बीच की लड़ाई। भारतीय राजनीति में परिवार के लोग एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते देखना आम बात है, लेकिन लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों- तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव के बीच बिहार चुनाव में मुकाबला कुछ अलग ही महत्व रखता है।
तेजस्वी यादव पीछे
शुक्रवार को बिहार चुनाव की मतगणना शुरू होने के कुछ ही समय बाद, राजद के मुख्यमंत्री चेहरे तेजस्वी यादव राघोपुर सीट से 1273 वोट से पीछे चल रहे हैं। तीसरे राउंड के बाद तेजस्वी को 10957 वोट मिले हैं। वहीं इस सीट से भाजपा के सतीश कुमार आगे चल रहे हैं। उन्हें 12230 वोट मिले हैं।
दूसरी ओर, उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव महुआ सीट से 6000 वोटों से पीछे चल रहा हैं। उन्हें अबतक एक हजार वोट मिले हैं। इस सीट से लोकजनशक्ति (रामविलास) के संजय कुमार सिंह आगे चल रहे हैं। बता दें कि तेज प्रताप इस बार अपनी नई पार्टी, जनशक्ति जनता दल, के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। यह वही पार्टी है जो उन्होंने तब बनाई थी जब उनके पिता लालू प्रसाद ने उन्हें राजद से बाहर कर दिया था।
2015 की जीत दोहराने की कोशिश!
तेजस्वी यादव राघोपुर सीट पर लगातार तीसरी जीत दर्ज करने की कोशिश में हैं, जबकि तेज प्रताप यादव महुआ सीट वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं, जहां से उन्होंने 2015 में अपना पहला चुनाव जीता था। तेज प्रताप को 25 मई को राजद से छह साल के लिए निकाल दिया गया था। इससे एक दिन पहले उन्होंने कथित तौर पर एक महिला के साथ अपने रिश्ते की बात सोशल मीडिया पर लिखी थी। बाद में उन्होंने दावा किया कि उनका अकाउंट “हैक” हो गया था। उनके इस व्यवहार को लालू प्रसाद ने गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए उनसे दूरी बना ली थी।
पार्टी से निकाले जाने के कुछ दिनों बाद तेज प्रताप ने आरोप लगाया था कि उनके और तेजस्वी यादव के बीच दूरी बढ़ाने की “साजिश” की जा रही है। एक्स पर की गई पोस्ट में उन्होंने अपनी नाराज़गी जताई थी और इस हालात के लिए ‘जयचंद’—यानी भरोसा तोड़ने वालों—को जिम्मेदार बताया था। तेज प्रताप की पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) इस चुनाव में 44 सीटों पर मैदान में है। उन्होंने साफ कहा है कि वे राजद में वापस नहीं लौटेंगे। तेज प्रताप का यह भी दावा है कि पार्टी और परिवार छोड़ने के बाद वे अपने माता-पिता से नहीं मिले हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि भविष्य में वे भाजपा के साथ जाएंगे या तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन के साथ।
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