बिहार में शपथ ग्रहण से पहले सियासी हलचल, नए CM के रूप में नीतीश के नाम पर मुहर लगाएगा NDA!

Bihar Government Formation: जदयू विधायक दल की बैठक बुधवार सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री आवास पर होगी, जहां नीतीश कुमार को औपचारिक रूप से नेता चुना जाएगा। भाजपा विधायक दल की बैठक सुबह 11.30 बजे पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में होगी, जिसमें वे अपना नेता तय करेंगे

अपडेटेड Nov 19, 2025 पर 8:59 AM
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बिहार में NDA की प्रचंड जीत के बाद अब नई सरकार की गठन की तैयारी तेजी से चल रही है।

Bihar Government Formation: बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की प्रचंड जीत के बाद अब नई सरकार की गठन की तैयारी तेजी से चल रही हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में होगा। समारोह की तैयारियां बड़े पैमाने पर की जा रही हैं।  इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्री और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार अपने डिप्टी सीएम और लगभग 20 मंत्रियों के साथ शपथ लेंगे। वहीं शपथ ग्रहण से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आज अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं।

नीतीश के नाम पर मुहर लगाएगा NDA!

जदयू विधायक दल की बैठक बुधवार सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री आवास पर होगी, जहां नीतीश कुमार को औपचारिक रूप से नेता चुना जाएगा। भाजपा विधायक दल की बैठक सुबह 11.30 बजे पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में होगी, जिसमें वे अपना नेता तय करेंगे। इसके बाद दोपहर 3.30 बजे एनडीए के सभी पाच घटक दलों के विधायक विधानसभा के सेंट्रल हॉल में एक साथ जुटेंगे और नीतीश कुमार को गठबंधन का नेता घोषित करेंगे। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद, नीतीश कुमार मौजूदा सरकार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और नई सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मिलने राजभवन जाएगे।

नीतीश कुमार न सिर्फ मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे, बल्कि नई सरकार बनाने के लिए एनडीए के सभी सहयोगी दलों का समर्थन पत्र भी राज्यपाल को सौंपेंगे, ताकि नए मंत्रिमंडल के गठन का रास्ता साफ हो सके।

नए मंत्रीमंडल में हर समीकरण साधने की कोशिश


बिहार में बनी नई एनडीए सरकार अपना मंत्रिमंडल इस तरह तैयार कर रही है कि जाति और क्षेत्र दोनों का संतुलन बना रहे। जैसे टिकट बांटने, प्रचार रणनीति और घोषणापत्र तैयार करने में सभी पांच सहयोगी दलों की भूमिका थी, वैसे ही मंत्रिमंडल के गठन में भी हर दल की भागीदारी होगी। सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण भाजपा को सबसे ज्यादा मंत्री पद मिलने की संभावना है। साथ ही वह अपने अध्यक्ष और दो उपमुख्यमंत्रियों का चयन भी कर सकती है। इन पदों पर जातीय संतुलन बनाए रखने के लिए एक फार्मूला तय किया गया हैअगर पार्टी अध्यक्ष किसी ऊची जाति से होगा, तो दोनों उपमुख्यमंत्री ओबीसी/ईबीसी या दलित समुदायों से चुने जा सकते हैं। और अगर अध्यक्ष ओबीसी/ईबीसी या दलित पृष्ठभूमि से होगा, तो एक उपमुख्यमंत्री उच्च जाति से और दूसरा ओबीसी/दलित वर्ग से लिया जा सकता है। एक महिला उपमुख्यमंत्री की नियुक्ति पर भी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। साथ ही, क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व पर भी जोर रह सकता है।

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