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Bihar Election 2025: बदलाव की कहानियां लिख रही हैं बिहार की महिलाएं, साइलेंट वोटरों ने पीएम मोदी से की 'मन की बात'

Bihar Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार की 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' की शुरुआत करते हुए राज्य की 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये ट्रांसफर किए। इस योजना का उद्देश्य स्वरोजगार और आजीविका के अवसरों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है

अपडेटेड Sep 26, 2025 पर 2:38 PM
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Bihar Election 2025: भावुक महिला लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री को स्नेहपूर्वक “भैया” कहकर संबोधित किया

Bihar Election 2025: बिहार में 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' के लॉन्च इवेंट ने एक सामान्य कार्यक्रम से बढ़कर दिल से दिल की बातचीत का रूप ले लिया। फिर जो दृश्य सामने आया वह केवल नीति और योजनाओं पर चर्चा नहीं थी। बल्कि प्रेरणादायक कहानियों, आभार और उत्सव की भावना का संगम था। पीएम मोदी ने उन महिला लाभार्थियों से बातचीत की, जिनकी जिंदगी सरकारी पहलों के माध्यम से बदल रही है। भावुक लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री को स्नेहपूर्वक 'भैया' कहकर संबोधित किया, जो उनके और पीएम मोदी के बीच के जुड़ाव का प्रतीक है।

भोजपुर की रीता देवी, जिन्होंने 2015 में एक छोटे पोल्ट्री के व्यवसाय के साथ अपनी उद्यमिता यात्रा शुरू की थी ने गर्व से कहा, "मेरी जिंदगी बदल गई है। जब मुझे ₹10,000 का सहयोग मिलेगा, तो मैं 100 और मुर्गियां खरीदूंगी। सर्दियों में अंडों की मांग बढ़ जाती है, और इससे मेरी आय बढ़ेगी।" लेकिन वे यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने बताया कि कैसे कई सरकारी योजनाओं ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया है।

उन्होंने कहा, "पहले हमारा घर बहुत खराब स्थिति में था। लेकिन पीएम आवास योजना से हमारे पास एक पक्का घर और शौचालय है। अब हम साफ पानी पीते हैं। चूल्हे की जगह उज्ज्वला गैस का उपयोग करते हैं। आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज पाते हैं, और 125 यूनिट मुफ्त बिजली मिलती है। बचत हमारे बच्चों के भविष्य को सुदृढ़ करने में उपयोग होगी। यह बिल्कुल नई ज़िंदगी की तरह लगता है।"


पश्चिम चंपारण की रंजीता काजी ने रोजगार योजना को त्योहार के समान बताया। वे कहती हैं, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि हमारे क्षेत्र में सड़कें, पानी और बिजली आएगी। उज्ज्वला ने हमें धुएं से मुक्त कर दिया। ₹10,000 से मैं ज्वार और बाजरा की खेती में निवेश करूंगी, और जब मुझे ₹2 लाख मिलेंगे, तो मैं और बढ़ूंगी। स्वदेशी आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए एक दिन लाखपति बनूंगी।”

गया की नूरजहां खातून की कहानी सशक्तिकरण और गरिमा दोनों को दर्शाती है। उन्होंने कहा, "हम इस ₹10,000 उपहार से बहुत खुश हैं क्योंकि यह हमें अपनी पसंद का व्यवसाय शुरू करने का अवसर देता है। पहले, परिवारों को हमारा बाहर जाना पसंद नहीं था, यहां तक कि पति भी हमें मारते थे। लेकिन आज, आत्मनिर्भरता के कारण, परिवार हमारा सम्मान करता है। पहले हम अपने पतियों को अपनी संपत्ति मानती थीं, अब हमारे पति हमें लखपति मानते हैं।”

पूर्णिया की पुतुल देवी, जो एक छोटे मिठाई व्यवसाय चलाती हैं, उनके लिए रोजगार योजना सपनों तक पहुंचने का पुल है। उन्होंने कहा, "जब मुझे ₹2 लाख मिलेंगे, तो मैं अपना व्यवसाय बढ़ाऊंगी और पीएम की स्वदेशी दृष्टि के साथ राष्ट्र को सशक्त बनाऊंगी। लोग मुझ पर हंसते थे, लेकिन जीविका से जुड़ने के बाद सब बदल गया। आज, 125 यूनिट मुफ्त बिजली से मैं बचत करती हूं और अपने बच्चों की शिक्षा में निवेश करती हूं।"

पीएम मोदी ने मजाकिया अंदाज में पुतुल देवी से पूछा कि क्या उन्हें जलेबी पर होने वाली राजनीति का पता है, जिसे सुन सभी हंस पड़े। उनकी कहानियों से गहराई से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री ने नोट किया कि विभिन्न विकास योजनाओं ने महिलाओं के जीवन में आवास और स्वास्थ्य सेवा से लेकर बिजली और आजीविका तक समग्र बदलाव लाया है।

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पीएम मोदी ने महिलाओं से कहा कि इस भावना को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा, "अपने गांव के कम से कम एक क्षेत्र में जाएं और दूसरों को सरकारी पहलों के बारे में बताएं। उन्हें प्रेरित करें जैसे आप आज हमें प्रेरित कर रही हैं।"

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