Bihar SIR: 'बिहार की फाइनल वोटर लिस्ट से हटाए गए 3.66 लाख मतदाताओं का डिटेल्स दें', सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दिए निर्देश

Bihar SIR: बिहार चुनाव से पहले फाइनल लिस्ट 30 सितंबर को जारी हो चुकी है। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि जोड़े गए अधिकांश नाम नए मतदाताओं के हैं। अब तक लिस्ट से बाहर किए गए किसी भी मतदाता ने कोई शिकायत या अपील दायर नहीं की है

अपडेटेड Oct 07, 2025 पर 5:39 PM
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Bihar SIR: सुप्रीम कोर्ट ने वोटर लिस्ट से बाहर किए गए 3.66 लाख नामों का ब्यौरा मांगा है

Bihar SIR: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (7 अक्टूबर) को चुनाव आयोग से कहा कि वह बिहार की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के बाद तैयार फाइनल वोटर लिस्ट से बाहर किए गए 3.66 लाख मतदाताओं का डिटेल्स उसे उपलब्ध कराए। चुनाव आयोग ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि जोड़े गए अधिकांश नाम नए मतदाताओं के हैं। अब तक सूची से बाहर किए गए किसी भी मतदाता ने कोई शिकायत या अपील दायर नहीं की है। शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी के पास वोटर लिस्ट का मसौदा है।

फाइनल लिस्ट 30 सितंबर को जारी हो चुकी है। इसलिए तुलनात्मक विश्लेषण के माध्यम से आवश्यक आंकड़े पेश किए जा सकते हैं। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग बाहर रखे गए मतदाताओं के बारे में उपलब्ध सभी जानकारी गुरुवार (9 अक्टूबर) तक अदालत के रिकॉर्ड पर लाए, जब वह एसआईआर प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आगे की सुनवाई करेगी।

जस्टिस बागची ने चुनाव आयोग का पक्ष रखने के लिए पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी से कहा कि अदालती आदेशों के परिणामस्वरूप चुनावी प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और पहुंच बढ़ी है।

पीठ ने कहा कि चूंकि फाइनल लिस्ट में मतदाताओं की संख्या से ऐसा प्रतीत होता है कि मसौदा सूची की संख्या में वृद्धि की गई है। इसलिए किसी भी भ्रम से बचने के लिए, अतिरिक्त मतदाताओं की पहचान का खुलासा किया जाना चाहिए।


जस्टिस बागची ने कहा, "आप हमसे सहमत होंगे कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और पहुंच में सुधार हुआ है। आंकड़ों से पता चलता है कि आपके द्वारा प्रकाशित मसौदा सूची में 65 लाख लोगों के नाम हटाए गए थे। हमने कहा कि जिनकी मृत्यु हो गई या जो शिफ्ट हो गया है वह ठीक है, लेकिन यदि आप किसी को हटा रहे हैं, तो कृपया नियम 21 और एसओपी (मानक परिचालन प्रक्रिया) का पालन करें।"

पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा, "हमने यह भी कहा कि जिनके भी नाम हटाए गए हैं, कृपया उनके आंकड़े अपने निर्वाचन कार्यालयों में जमा कराएं। अब अंतिम सूची आंकड़ों में वृद्धि प्रतीत होती है और सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भ्रम की स्थिति है - जोड़े गए नामों की पहचान क्या है, क्या वे हटाए गए नाम हैं या नए नाम हैं।"

द्विवेदी ने जवाब दिया कि अधिकतर नाम नए मतदाताओं के हैं और कुछ पुराने मतदाता भी हैं। इनके नाम मसौदा सूची प्रकाशित होने के बाद जोड़े गए हैं। उन्होंने कहा, "अबतक किसी ऐसे किसी मतदाता ने शिकायत या अपील नहीं की है जिसका नाम हटाया गया है।"

चुनाव आयोग ने 30 सितंबर को बिहार की फाइनल वोटर लिस्ट जारी करते हुए कहा कि अंतिम मतदाता सूची में मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 47 लाख घटकर 7.42 करोड़ रह गई है। जबकि SIR से पहले यह संख्या 7.89 करोड़ थी।

हालांकि, 1 अगस्त को जारी मसौदा सूची के मुताबिक फाइनल लिस्ट में मतदाताओं से संख्या में 17.87 लाख की वृद्धि हुई है। मसौदा सूची में यह संख्या 7.24 थी। मसौदा सूची में मृत्यु, प्रवास और मतदाताओं की दोहरीकरण सहित विभिन्न कारणों से 65 लाख मतदाताओं के नाम मूल सूची से हटा दिए गए थे।

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चुनाव आयोग ने छह अक्टूबर को घोषणा की थी कि 243 सदस्यीय विधानसभा की 121 सीटों पर 6 नवंबर को चुनाव होंगे। जबकि शेष 122 निर्वाचन क्षेत्रों में 11 नवंबर को मतदान होगा। मतों की गिनती 14 नवंबर को होगी।

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