Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजजदीक आ रहे हैं, भारतीय जनता पार्टी ने अपनी चुनावी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। हर सीट पर जीत सुनिश्चित करने के मजबूत इरादे के साथ, पार्टी ने अलग-अलग राज्यों के 45 'विशेष' नेताओं को बिहार चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंप दी है। बता दें कि बिहार में चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने 4-5 अक्टूबर को मुख्य चुनाव आयुक्त प्रदेश का दौरा करने वाले है। इसके बाद कभी भी चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है। आइए आपको बताते हैं क्या बीजेपी की 'स्पेशल 45' की रणनीति।
एक नेता, एक लोकसभा क्षेत्र
बीजेपी ने इन 45 नेताओं में से प्रत्येक को बिहार के एक-एक लोकसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी दी है। आगे आने वाले हफ्तों में इन नेताओं को विधानसभा स्तर पर भी तैनात किया जाएगा। औसतन हर नेता के पास छह विधानसभा क्षेत्रों को संभालने का काम होगा। इस रणनीति का मुख्य लक्ष्य जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं और शीर्ष नेतृत्व के बीच सीधा और मजबूत तालमेल स्थापित करना है।
अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में बनी रणनीति
इस महत्वपूर्ण रणनीति को पटना में आयोजित एक उच्च-स्तरीय बैठक में अंतिम रूप दिया गया। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, राज्य प्रभारी विनोद तावड़े और कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। यहीं पर इन 45 नेताओं को उनकी भूमिकाएं समझाई गईं और उन्हें 'मिशन बिहार विजय' को सफल बनाने के लक्ष्य के साथ अलग-अलग क्षेत्रों में रवाना कर दिया गया।
बीजेपी बिहार में उतारेगी देश भर के फायरब्रांड नेताओं की फौज
BJP ने इस टीम में देशभर के अनुभवी नेताओं को शामिल किया है, ताकि उनके संगठनात्मक कौशल का लाभ मिल सके। 'स्पेशल 45' टीम के कुछ प्रमुख सदस्य ये हैं:
मध्य प्रदेश से: पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सांसद बी.डी. शर्मा, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और अन्य।
उत्तर प्रदेश से: सांसद सतीश गौतम, राजकुमार चाहर और अन्य।
राजस्थान से: राजेंद्र राठौड़।
छत्तीसगढ़ से: सांसद संतोष पांडे और विजय बघेल।
दिल्ली से: पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी, केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा।
गुजरात से: सांसद देवुसिंह चौहान और मितेश पटेल।
अन्य राज्यों से: हरियाणा की पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल, जम्मू-कश्मीर के सांसद जुगल किशोर शर्मा, झारखंड के सांसद मनीष जायसवाल और कालीचरण सिंह, और ओडिशा के सांसद अनंत नायक भी शामिल हैं।
इनके अलावा कई अन्य पूर्व सांसद, विधायक, वरिष्ठ पदाधिकारी और युवा नेताओं को भी इस चुनावी समर में उतारा गया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इन नेताओं का काम सिर्फ प्रचार करना नहीं है, बल्कि स्थानीय कार्यकर्ताओं में जान फूंकना, बूथ स्तर के ढांचे को मजबूत करना और हर सीट पर NDA की जीत सुनिश्चित करना है। बीजेपी का मानना है कि 'स्पेशल 45' की जमीनी उपस्थिति और संगठनात्मक अनुभव बिहार के चुनावी समीकरणों को बदलने में निर्णायक साबित होगा।