Bihar News : आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजधानी पटना का राजनीतिक माहौल लगातार गरमाता जा रहा है। चुनावी साल में जहां राजनीतिक दल जनता को लुभाने के लिए रैलियों और वादों में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर विभिन्न संविदा और सरकारी योजनाओं से जुड़े कर्मियों का प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा। इसी बीच सोमवार (15 सितंबर) को डायल 112 सेवा से जुड़े चालक कर्मियों ने पटना स्थित भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन कर रहे है।
प्रदर्शनकारी चालक कर्मियों की मांग है कि उन्हें समान काम के बदले सम्मानजनक वेतन दिया जाए, राज्यकर्मी का दर्जा प्रदान किया जाए और सेवा अवधि के दौरान इंश्योरेंस की सुविधा दी जाए। इसके अलावा उन्होंने मांग रखी कि बिहार सरकार की नौकरियों में डायल 112 कर्मियों को 12 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया कि वे 13 दिनों से लगातार आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से अब तक किसी भी प्रकार का डेलिगेशन उन्हें नहीं मिला है।
इसके साथ ही कर्मियों ने दुख जताते हुए कहा कि डायल 112 सेवा में कार्यरत 16 चालक अब तक ड्यूटी के दौरान शहीद हो चुके हैं, लेकिन उनके परिजनों को किसी तरह का मुआवजा सरकार की ओर से नहीं दिया गया। इससे कर्मियों में गहरा आक्रोश है। वे चाहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं उनसे मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करें।
प्रदर्शन को देखते हुए BJP ऑफिस और आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई। हालांकि, आंदोलनकारी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को सामने रखने की कोशिश करते दिखे।
गौरतलब है कि इससे पहले रविवार (14 सितंबर) को भी पटना के वीरचंद्र पटेल मार्ग पर संविदाकर्मियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था। उस दिन स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए प्रशासन ने धारा 144 के जगह धारा 163 लागू कर दिया था। बावजूद इसके प्रदर्शनकारियों ने इनकम टैक्स गोलंबर से लेकर वीरचंद्र पटेल मार्ग तक मार्च निकालते हुए जमकर नारेबाजी की थी।
लगातार हो रहे इन प्रदर्शनों से साफ है कि विधानसभा चुनाव से पहले सरकार के सामने कर्मचारी वर्ग का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। एक ओर विपक्ष इन आंदोलनों को सरकार की नाकामी के रूप में पेश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकार के लिए यह बड़ा चुनौतीपूर्ण दौर है कि वह संविदा और अनुबंधित कर्मियों की मांगों को किस तरह संबोधित करती है।