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नीतीश सरकार ने बढ़ाया किसान सलाहकारों का मानदेय, अब हर महीने मिलेगा मोटी रकम, जानिए कितनी!

मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में किसान सलाहकारों के मानदेय में बढ़ोतरी हुई है। राज्य स्कीम मद से किसान सलाहकारों के मानदेय को 13,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये प्रतिमाह करने कर दिया है। इस फैसले के तहत अतिरिक्त 67 करोड़ 87 लाख 10 हजार 736 रुपये की निकासी और व्यय को मंजूरी मिली है

अपडेटेड Aug 26, 2025 पर 4:15 PM
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नीतिश सरकार ने बढ़ाया किसान सलाहकारों का मानदेय, अब हर महीने मिलेगा मोटी रकम, जानिए कितनी!

विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति तेज हो चुकी है। इसी बीच बिहार में लगातार कैबिनेट की बैठक की गति भी तेज हो रही और योजनाओं को मंजूरी दी जा रही है। मंगलवार 26 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 26 एजेंडों पर फैसले लिए गए हैं। इसमें उद्योग, ऊर्जा, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और किसानों से जुड़ी योजनाओं को हरी झंडी दी गई।

मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में किसान सलाहकारों के मानदेय में बढ़ोतरी हुई है। राज्य स्कीम मद से किसान सलाहकारों के मानदेय को 13,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये प्रतिमाह करने कर दिया है। इस फैसले के तहत अतिरिक्त 67 करोड़ 87 लाख 10 हजार 736 रुपये की निकासी और व्यय को मंजूरी मिली है। माना जा रहा है कि यह कदम न सिर्फ किसान सलाहकारों को आर्थिक मजबूती देगा, बल्कि ग्रामीण स्तर पर किसानों तक सरकार की योजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से पहुँचाने में भी मदद करेगा।

इसके साथ ही कैबिनेट ने बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज (BIIPP) 2025 को मंजूरी दी है। वहीं, भोजपुर, शेखपुरा, रोहतास और शिवहर समेत कई जिलों में सैकड़ों एकड़ जमीन पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे।


पटना, दरभंगा, शेखपुरा और कई जिलों में सैकड़ों करोड़ की लागत से सड़क और पुल निर्माण की योजनाओं को भी हरी झंडी मिली है। कैबिनेट ने पटना जिले के फुलवारीशरीफ अंचल के जगनपुरा मौजा की 0.0158 एकड़ जमीन पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को देने की मंजूरी दी है। यह जमीन पहले से बिहार सरकार के कब्जे में थी और अब इसे जगनपुरा मेट्रो स्टेशन बनाने के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग को सशुल्क हस्तांतरित किया जाएगा।

इसके साथ ही ऊर्जा विभाग को भी बड़ी राहत मिली है। कैबिनेट ने बिहार राज्य जल विद्युत निगम की 12 निर्माणाधीन योजनाओं पर फैसला लिया है। इनमें से तेजपुरा, डेहरा, सिपहा, वलिदाद, पहरमा, मथौली, राजापुर, अमेठी और डेहरी स्केप जैसी कुल 9 परियोजनाओं के लिए संशोधित बजट के रूप में 166.81 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। वहीं बरबल, रामपुर और नटवार की 3 परियोजनाओं को बंद करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

वहीं, कैबिनेट ने वैशाली जिले में एक पांच सितारा होटल बनाने और चलाने की योजना पर फिर से निर्णय लिया है। यह प्रोजेक्ट जन-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत किया जाएगा। इससे पहले 19 अगस्त 2025 को हुई कैबिनेट बैठक में इसे सैद्धांतिक मंजूरी दी गई थी। अब सरकार ने इस मंजूरी में कुछ संशोधन करने की स्वीकृति दे दी है। इसके अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं को भी मंजूरी दी गई है।

नीतिश सरकार का अगस्त महीने की ये चौथी कैबिनेट बैठक थी। इन बैठकों में लगातार औद्योगिक निवेश, सड़क-पुल निर्माण, शिक्षा-स्वास्थ्य, बिजली और सामाजिक कल्याण से जुड़ी कई बड़ी योजनाओं को मंजूरी दे रही है। सरकार इन फैसलों को विकास की गाड़ी तेज़ करने की कोशिश बता रही है, वहीं विपक्ष इसे साफ चुनावी रणनीति कह रहा है। विपक्ष का आरोप है कि नीतीश सरकार देर से जागी है और जनता को लुभाने के लिए चुनाव से पहले घोषणाओं की झड़ी लगा रही है।

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