बिहार विधानसभा चुनावों के नतीजों की तस्वीर साफ हो गई है। एनडीए को बहुत बड़ी सफलती मिलती दिख रही है। एक बार फिर नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बन सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो ऐसा लगातार तीसरी बार होगा, जब सुशासन बाबु बिहार की सत्ता की कमान संभालेंगे।
नीतीश कुमार के नाम कई रिकॉर्ड
जदयू के सुप्रीमो के एक बार सूबे का मुख्यमंत्री बनने पर कई नए रिकॉर्ड बनेंगे। वह सबसे समय तक सत्ता में रहने का रिकॉर्ड बना चुके हैं। साथ ही वह मुख्यमंत्री पद का सबसे ज्यादा बार शपथ लेने का भी रिकॉर्ड बना चुके हैं। वह लगातार 10 साल कुछ महीने मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पहली बार वह 2005 में मुख्मंत्री बने। लेकिन, 2015 से 2025 तक लगातार शासन में रहने के साथ बिहार की राजनीति में उनकी पोजीशन काफी मजबूत हो गई।
कुल कार्यकाल 18 सालों से ज्यादा
अगर नीतीश कुमार के कुल कार्यकाल को मिला दिया जाए तो 18 साल से ज्यादा हो जाता है। श्री कृष्ण सिन्हा आजादी के बाद बिहार के पहले मुख्यमंत्री थे। वह लगातार 14 साल 314 दिनों तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे। अब नीतीश ने इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। नीतीश कुमार ने 9 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। वह 10वीं बार एनडीए सरकार के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
नीतीश कुमार ने कई बार बदला पाला
नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल काफी लंबा रहा है। लेकिन, इस दौरान उन्होंने कई बार पाला बदला है। इससे उन्हें कई बार मुख्यमंत्री पद की शपथ भी लेनी पड़ी है। इसके मुकाबले पहले के नेताओं के कार्यकाल की संख्या कम होती थी। इसलिए उन्हें शपथ भी कम लेनी पड़ती थी। उनका सिंगल टर्म बगैर किसी बाधा के पूरा होता था।
श्री कृष्ण सिन्हा का कार्यकाल 17 साल का था
आजादी के बाद बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिन्हा को 'श्री बाबु' कहा जाता था। उन्होंने लगातार 14 साल से ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री का पद संभाला। उनका कुल कार्यकाल 17 साल से ज्यादा का था। करीब पांच साल तक इस रिकॉर्ड को कोई तोड़ नहीं पाया। नीतीश कुमार ने इसे तोड़ दिया है।
लालू यादव 7 साल तक रहे बिहार के सीएम
लालू प्रसाद यादव 1990 के दशक में बिहार के मुख्यमंत्री बने। वह बिहार में राजनीति की बड़ी ताकत बनकर उभरे। वह लगातार पांच साल तक मुख्यमंत्री रहे। कुल मिलाकर वह 7 साल तक मुख्यमंत्री रहे। उनके कार्यकाल में बिहार की राजनीति की दिशा में बड़े बदलाव आए। एक तरफ जाती आधारित राजनीति को बढ़ावा मिला तो दूसरी तरफ सामाजिक न्याय का एंजेडा हावी रहा। लेकिन, उनके कार्यकाल को जंगल राज कहा जाता है।
राबड़ी लालू के इस्तीफे के बाद बनी थीं मुख्यमंत्री
लालू यादव को चारा घोटाले में नाम आने के बाद 1997 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। फिर उनकी पत्नी रबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनीं। वह बिहार की सबसे लंबे समय तक महिला मुख्यमंत्री रही। उन्होंने लगातार पांच साल तक मुख्यमंत्री का पद संभाला। कुल मिलाकर वह 7 साल तक मुख्यमंक्री रही।