बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतदाता सूची और उम्मीदवारों की संपत्तियों का विश्लेषण लोगों में उत्साह और चर्चा का विषय बना हुआ है। इस चुनाव में चुने गए उम्मीदवारों की कुल संपत्ति करोड़ों में है, जिसमें सबसे धनी उम्मीदवार के पास ₹368.98 करोड़ से अधिक की संपत्ति है।
कौशल प्रताप सिंह की संपत्ति
विकासशील इंसान पार्टी के रण कौशल प्रताप सिंह लौरिया से चुनाव लड़ रहे हैं और वे दूसरे चरण के सबसे अमीर प्रत्याशी हैं। उन्होंने अपनी संपत्ति घोषित करते हुए बताया कि उनके पास ₹368.98 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। इसमें कृषि भूमि ₹2.58 करोड़, गैर-कृषि भूमि ₹352 करोड़, और शेयर-सिक्योरिटी ₹5.51 करोड़ की हैं।
उनकी पत्नी सलोनी सिंह की भी संपत्ति ₹131 करोड़ से ऊपर है, जिसमें निवेश ₹6.59 करोड़ का शामिल है। परिवार के पास सात लग्जरी वाहन हैं, जिनमें टोयोटा फॉर्च्यूनर के दो मॉडल, ऑडी और इन्नोवा जैसे वाहन शामिल हैं। घरेलू आभूषणों में पत्नी और बेटियों के नाम पर लगभग 3.4 किलोग्राम सोना है, जबकि स्वयं सिंह के नाम 600 ग्राम सोना और हीरे की ज्वैलरी दर्ज है। उन्होंने विदेशी हथियार भी रखे हुए हैं।
चुनावी स्थिति और अन्य उम्मीदवार
वहीं, सुनील कुमार चौधरी पीरपैंती (एससी) से बारें में, बीएसपी के उम्मीदवार ने अपनी संपत्ति घोषित की है, जो शून्य है। समाज पार्टी के सुरेश राजवंशी ने ₹1,100 करोड़ की संपत्ति बताई है। 562 उम्मीदवार करोड़पति हैं, जो कुल उम्मीदवारों का 43 प्रतिशत हैं। पहली चरण में भाजपा के कुमार प्रणय सबसे धनी उम्मीदवार हैं, जिनकी संपत्ति ₹170 करोड़ से ज्यादा है।
मुंगेर सीट से भाजपा के प्रत्याशी कुमार प्रणय इस बार के सबसे अमीर उम्मीदवार हैं, जिनकी घोषित संपत्ति ₹170 करोड़ से अधिक है। यह संपत्ति उनके व्यवसाय, रियल एस्टेट, और विभिन्न उद्यमों से अर्जित हुई है। उनके पास बहुमंजिला आलीशान घर, अनेक जमीन-जायदाद, कारोबार और कई मोटर वाहन भी शामिल हैं। इस चुनाव में उनका नाम चर्चा का केंद्र बना हुआ है क्योंकि उनके पास किसी भी आपराधिक केस का अभाव है, और उनका साफ छवि को दर्शाया जाता है।
इसी क्रम में, दूसरी जगह पर निर्दलीय उम्मीदवार राजकिशोर गुप्ता हैं, जिनके पास ₹137 करोड़ की सम्पत्ति है, और तीसरे स्थान पर मोकामा से जदयू के अनंत सिंह हैं, जिनके पास लगभग ₹100 करोड़ की संपत्ति है। इन संपत्तियों में उनके व्यवसाय, जमीने, जमीन-जायदाद, और बाकी संपत्ति शामिल हैं।
यह आंकड़े यह दिखाते हैं कि बिहार की राजनीति में पैसा और बाहुबल का विशेष महत्व है। करीब 43% उम्मीदवार करोड़पति हैं, और औसत संपत्ति लगभग ₹3.26 करोड़ है। इन आंकड़ों से साफ झलकता है कि आर्थिक ताकत के बल पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों का प्रभाव कितना बड़ा है।
आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, 30 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक केस दर्ज हैं। संपत्ति और आपराधिक रिकॉर्ड के आधार पर ये आंकड़े बिहार विधानसभा चुनाव के विभिन्न चरणों में उम्मीदवारों की स्थिति को दर्शाते हैं।