Bihar Election Ziradei Seat: जीरादेई सीट पर कांग्रेस से CPIML तक, जानिए पूरा चुनावी इतिहास और 2025 का समीकरण
Ziradei Assembly Seat: जीरादेई विधानसभा में राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जनता दल यूनाइटेड (JDU), भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस और वामपंथी दलों का सीधा मुकाबला देखा जाता रहा है। खास बात यह है कि 2020 में इस सीट से वामपंथी दल, भाकपा (माले) के अमरजीत कुशवाहा ने शानदार जीत दर्ज की थी
Bihar Election Ziradei Seat: जीरादेई सीट पर कांग्रेस से CPIML तक, जानिए पूरा चुनावी इतिहास और 2025 का समीकरण
बिहार की राजनीति में जीरादेई विधानसभा क्षेत्र हमेशा चर्चा में रहती है। यह सीट सीवान जिले का हिस्सा है और सीवान लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। इसका क्षेत्र संख्या 106 है, यहां से कई दिग्गज नेताओं ने अपनी राजनीति करियर की शुरुआत की है। यह एक जनरल कैटेगरी की सीट है, यानी यह अनुसूचित जाति (SC) या जनजाति (ST) के लिए आरक्षित नहीं है।
जीरादेई विधानसभा में राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जनता दल यूनाइटेड (JDU), भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस और वामपंथी दलों का सीधा मुकाबला देखा जाता रहा है। खास बात यह है कि 2020 में इस सीट से वामपंथी दल, भाकपा (माले) के अमरजीत कुशवाहा ने शानदार जीत दर्ज की थी। उन्होंने JDU उम्मीदवार कमला सिंह को 25,510 वोटों से हराया था। अमरजीत कुशवाहा को 48.11% वोट मिले, जबकि कमला सिंह को 30.44% वोट हासिल हुए। वहीं, लोजपा प्रत्याशी बिनोद तिवारी तीसरे स्थान पर रहे थे।
2015 में तस्वीर कुछ अलग देखने को मिली थी। उस समय JDU उम्मीदवार रमेश सिंह कुशवाहा ने BJP की आशा देवी को 6,091 वोटों से हरा दी थी। वहीं, अमरजीत कुशवाहा बतौर निर्दलीय उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे थे।
2010 में BJP की आशा देवी ने जीत हासिल की थी, जबकि 2005 में JDU और RJD ने यहां से जीत दर्ज की थी। अगर इतिहास पर नजर डालें तो यहां से कभी कांग्रेस, कभी जनतादल और कभी स्वतंत्र उम्मीदवार भी जीतते आ रहे हैं।
जीरादेई विधानसभा, सीवान लोकसभा सीट का हिस्सा है। 2024 लोकसभा चुनाव में JDU की विजयलक्ष्मी देवी ने यहां से जीत हासिल की थी। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार हिना शाहाब को 92,857 वोटों से हराया। यह जीत नीतीश कुमार की पार्टी के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है और इसका असर आगामी विधानसभा चुनावों पर भी देखने को मिल सकता है।
2020 विधानसभा चुनाव के दौरान जीरादेई में कुल 2,77,386 मतदाता पंजीकृत थे। इनमें 1,46,349 पुरुष और 1,31,028 महिलाएं थीं। तीसरे लिंग के नौ मतदाता भी वोटर लिस्ट में शामिल थे। उस समय 811 पोस्टल वोट पड़े थे और 654 सर्विस वोटर भी दर्ज किए गए थे।
वहीं, 2015 में मतदाताओं की संख्या थोड़ी कम थी, जिसमें कुल 2,53,612 मतदाता थे। इनमें 1,37,613 पुरुष और 1,15,995 महिलाएं थीं।
2020 में यहां मतदान प्रतिशत 52.04% रहा, जबकि 2015 में यह 53.59% था। यानी पिछले चुनाव की तुलना में मतदान में थोड़ी गिरावट देखी गई।
विशेष पुनरीक्षण की तैयारी
2025 विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में SIR चल रहा है। चुनाव आयोग के निर्देश पर यह प्रक्रिया शुरू की गई है, ताकि हर योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची में दर्ज हो सके। आख़िरी बार ऐसा व्यापक पुनरीक्षण 2003 में हुआ था।
2025 चुनाव से पहले समीकरण
जीरादेई की राजनीति जातीय और स्थानीय समीकरणों पर भी आधारित रहती है। यहां कुशवाहा, यादव, राजपूत और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या प्रभावी मानी जाती है। 2020 में माले की जीत ने यहां एक नया समीकरण खड़ा किया है। वहीं, लोकसभा चुनाव में JDU की जीत से यह भी संकेत मिलता है कि महागठबंधन और NDA के बीच कड़ा मुकाबला होना तय है।