दिल्ली में 26 सालों के अंतराल के बाद सत्ता में वापसी के लिए BJP ने जबरदस्त कोशिश शुरू कर दी हैं और स्पेशल माइक्रोमैनेजमेंट रणनीति लागू की है। पार्टी के टारगेट साफ हैं: पिछले चुनाव की तुलना में हर एक विधानसभा सीट पर 20,000 वोटों की बढ़ोतरी करना, हर एक बूथ पर ज्यादा वोट हासिल करना और हर एक बूथ पर 50% वोट हासिल करना। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए BJP ने बूथ-दर-बूथ, वोटर लिस्ट-दर-वोटर लिस्ट रणनीति तैयार की है और वोट कैचर भी उतारे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ही नहीं, बल्कि दर्जनों केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय पार्टी पदाधिकारी, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और पड़ोसी राज्यों के मंत्री, साथ ही सांसद और विधायक भी दिल्ली में तैनात हैं।
पिछले कई महीनों से BJP वोटर लिस्ट खंगाल रही
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कई महीनों से BJP वोटर लिस्ट की जांच कर रही है। हर बूथ पर मतदाताओं का डेटा तैयार किया जा रहा है, नए मतदाता जोड़े जा रहे हैं और फर्जी मतदाताओं को हटाया जा रहा है।
उन मतदाताओं की लिस्ट तैयार कर ली गई है, जो अब मतदान केंद्र क्षेत्र में नहीं रहते हैं, लेकिन अभी भी वोटर लिस्ट में हैं। कई वोटर Covid-19 के दौरान दिल्ली छोड़कर चले गए और वापस नहीं लौटे, जबकि अन्य लोग नौकरी या दूसरे कारणों से चले गए, लेकिन वोटर लिस्ट में बने हुए हैं।
पार्टी ने इन सभी मतदाताओं से संपर्क किया है और उन्हें 5 फरवरी को मतदान करने के लिए दिल्ली लौटने के लिए प्रोत्साहित किया है।
मतदाताओं के सोशल प्रोफाइल भी किए चेक
इसके अलावा, हर एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं के सोशल प्रोफाइल की भी जांच की गई है। उदाहरण के लिए, यह तय किया गया कि मतदाता मूल रूप से दिल्ली का है या किसी दूसरे राज्य से राजधानी में आया है।
अगर वे किसी दूसरे राज्य से आए थे, तो उनके गृह राज्य के स्थानीय BJP नेताओं से कहा गया कि वे मतदाताओं से व्यक्तिगत संपर्क करें, ताकि स्थानीय संबंधों का लाभ उठाया जा सके और उन्हें पार्टी के लिए वोट देने के लिए राजी किया जा सके।
सरकारी इमारतों में रहने वाले लोगों की लिस्ट भी खंगाली
रिपोर्ट में कहा गया कि BJP ने सरकारी इमारतों में रहने वाले लोगों की लिस्ट भी खंगाली है, न केवल वहां रहने वाले सरकारी कर्मचारियों से बल्कि उनके घरों में काम करने वाले लोगों से भी संपर्क किया है। उन्होंने जांच की कि उनका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं और अगर नहीं था, तो उसे जोड़ दिया।
यह अभियान खास तौर पर नई दिल्ली, सरोजिनी नगर, आरके पुरम और नेताजी नगर जैसे इलाकों पर केंद्रित था। नतीजतन, लुटियंस जोन में मंत्रियों और सांसदों के बंगलों में काम करने वाले माली, रसोइए, घरेलू सहायकों और दूसरे लोगों के नाम भी वोटर लिस्ट में जोड़ दिए गए हैं।