भारतीय फिल्ममेकर अनुपर्णा रॉय ने 82वें वेनिस फिल्म फेस्टिवल में ओरिजॉटी सेक्शन में बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार जीतकर इतिहास रच दिया है। उनकी पहली डायरेक्शन की फिल्म ‘सॉन्ग्स ऑफ फॉरगॉटन ट्रीज’ को यह प्रतिष्ठित सम्मान मिला, जो इस श्रेणी में चुनी गई एकमात्र भारतीय फिल्म थी। इस उपलब्धि से न केवल अनुपर्णा खुद बल्कि भारत की फिल्म इंडस्ट्री को भी गर्व है। उन्होंने इस पुरस्कार को दुनियाभर की महिलाओं को समर्पित किया, खासतौर पर उन महिलाओं को जो कभी आवाज नहीं उठा पाईं या जिन्हें नजरअंदाज किया गया।
फिल्म की कहानी मुंबई की दो महिलाओं के जीवन की जटिलताओं पर आधारित है, जो अलग-अलग पृष्ठभूमि से होने के बावजूद एक-दूसरे के अनुभवों और संघर्षों को समझती हैं। नाज शेख और सुमी बघेल ने फिल्म में अभिनय किया है, जबकि अनुराग कश्यप ने फिल्म को प्रस्तुत किया है। फिल्म के प्रोड्यूसर बिभांशु राय, रोमिल मोदी और रंजन सिंह ने बताया कि इस फिल्म को बनाना आसान नहीं था, कई चुनौतियों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी क्योंकि यह कहानी दुनिया तक पहुंचनी जरूरी थी।
अनुपर्णा ने पुरस्कार स्वीकार करते हुए कहा कि यह जीत हर उस महिला को समर्पित है जिन्होंने कभी आवाज न उठा पाने या दबाव का सामना किया। उनका मानना है कि यह सफलता न केवल सिनेमा में बल्कि समाज में भी महिलाओं को अधिक ताकत और अवसर देगी। प्रोड्यूसर रोमिल मोदी ने भी अनुपर्णा के काम की सराहना करते हुए कहा कि उनकी कहानियों में सच्चाई, ताकत और संवेदनशीलता है, जो वर्तमान समय की फिल्मों से अलग है।
वेनिस फिल्म फेस्टिवल के इस संस्करण में अमेरिकी इंडी फिल्म ‘फादर मदर सिस्टर ब्रदर’ को गोल्डन लायन अवार्ड मिला। ट्यूनीशियाई फिल्म ‘द वॉइस ऑफ हिंद रजब’ को दर्शकों का भारी समर्थन मिला। इस फेस्टिवल में अनुपर्णा रॉय का नाम खास जगह बनाने वाला रहा, जिससे भारतीय सिनेमा को विश्व मंच पर नई पहचान मिली है।