Do bigha Zameen: 82वें वेनिस फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जाएगी ऐतिहासिक फिल्म

1953 में आई बीमल रॉय की क्लासिक फिल्म Do bigha Zameen की 82वें वेनिस फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीनिंग की जाएगी। इसकी घोषणा फिल्ममेकर की 116वीं जयंती के मौके पर की गई। इस फिल्म को क्लासिक श्रेणी में चुना गया है। इसकी स्क्रीनिंग उनके बच्चों रिंकी रॉय भट्टाचार्य, अपराजिता रॉय सिन्हा और जॉय बिमल रॉय द्वारा की जाएगी।

अपडेटेड Jul 12, 2025 पर 11:19 PM
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बिमल रॉय भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का ऐसा सितारा हैं, जिनकी फिल्मों ने देश में ही नहीं विदेश में भी सुर्खियां बटोरी। 1953 में आई ‘Do bigha Zameen’ ऐसी ही एक फिल्म है। आज बिमल दा की 116वीं जयंती के मौके पर इसे 82वें वेनिस फेस्टिवल में क्लासिक श्रेणी में दिखाने की घोषणा की गई है। इसकी स्क्रीनिंग उनके बच्चों रिंकी रॉय भट्टाचार्य, अपराजिता रॉय सिन्हा और जॉय बिमल रॉय द्वारा की जाएगी। इस मौके पर फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन के निदेशक शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर भी मौजूद रहेंगे। 82वां वेनिस फिल्म महोत्सव 27 अगस्त से 6 सितंबर तक चलेगा।

गुलजार ने जताई खुशी

बिमल रॉय के साथ काम कर चुके गुलजार ने वेनिस फिल्म फेस्टिवल में ‘दो बीघा जमीन’ की स्क्रीनिंग करने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, ‘फिल्म को रिस्टोर (पुनर्स्थापित) कर वेनिस में प्रदर्शित किया जाना उत्साहित करने वाला है।’

एफएचएफ ने फिल्म को रिस्टोर किया

फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन (एफएचएफ), क्राइटेरियन कलेक्शन और जेनस फिल्म्स ने बिमल रॉय की इस क्लासिक फिल्म को 4के वर्जन में बिमल रॉय परिवार के सहयोग से एल'इमेजिन रिट्रोवाटा और रेसिलियन में रिस्टोर किया है। इसे वेनिस फिल्म फेस्टिवल के क्लासिक्स सेक्शन में प्रदर्शित किया जाएगा। एफएचएफ, क्राइटेरियन कलेक्शन और जेनस फिल्म्स रिस्टोरेशन ने रिस्टोरेशन की प्रक्रिया 2022 में शुरू की थी और इसे पूरा करने में करीब 3 साल का समय लगा।

आसान नहीं था रिस्टोरेशन


दो बीघा जमीन का रिस्टोरेशन आसान नहीं था। वास्तविक कैमरा नेगेटिव और साउंड नेगेटिव में खराब ऑडियो, टूटे-टूटे डायलॉग और गायब हिस्सों जैसी कई दिक्कतें थीं। मूल कैमरा का नेगेटिव भी अधूरा था। एफएचएफ ने बिमल रॉय के परिवार से ओरिजनल कैमरा निगेटिव और साउंड निगेटिव हासिल किया, जिसे उन्होंने संरक्षण के लिए एनएफडीसी-नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया (एनएफएआई) में जमा किया था। ब्रिटिश फिल्म इंस्टीट्यूट (बीएफआई) में 1954-55 के डूपॉन्ट/कोडैक स्टॉक में एक कंबाइंड ड्यूप नेगेटिव मिला, जिसका इस्तेमाल रिस्टोरेशन में किया गया।

टैगोर की कविता के नाम पर रख फिल्म का टाइटिल

गुलजार ने बताया कि बहुत कम लोग जानते होंगे कि बिमल दा ने इस फिल्म का नाम गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोरी की कविता ‘दुई बीघा जमीन’ के नाम पर रखा था। उनकी फिल्मों की खास बात यही थी कि उनकी सभी फिल्में साहित्य पर आधारित होती थीं। इस फिल्म की कहानी इंडस्ट्रियलाइजेशन से जूझ रहे एक गरीब किसान की दुर्दशा पर आधारित थी।

1954 में प्रिक्स इंटरनेशनल जीता

'दो बीघा जमीन' को भारत में बेस्ट फिल्म और बेस्ट डायरेक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था। यह 1954 में कान फिल्म महोत्सव में प्रिक्स इंटरनेशनल जीतने वाली पहली भारतीय फिल्म थी। इसे कार्लोवी वैरी अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी सम्मान मिला।

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First Published: Jul 12, 2025 11:19 PM

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