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यूरोपीय डॉक्टरों ने बताया मोटापे का इलाज, कहा- GLP-1 दवाएं करें इस्तेमाल

अगर वजन कम करने की जरूरत कम हो, तो दूसरी दवाइयां भी दी जा सकती हैं। इनमें पुरानी दवा Liraglutide, और दूसरे विकल्प जैसे Naltrexone–Bupropion और Phentermine-Topiramate शामिल हैं। यूरोपियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ ओबेसिटी (EASO) ने यह गाइडलाइन जारी की है

अपडेटेड Oct 03, 2025 पर 9:00 PM
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यूरोपीय डॉक्टरों ने बताया मोटापे का इलाज, कहा- GLP-1 दवाएं पहले ऑप्शन में हों

यूरोप की एक बड़ी मेडिकल संस्था ने कहा है कि मोटापा और उससे जुड़ी बीमारियों के इलाज में डॉक्टरों को सबसे पहले Novo Nordisk और Eli Lilly की दवाइयों का इस्तेमाल करना चाहिए। इन दवाइयों में Semaglutide, (जो Novo की Wegovy और Ozempic में पाया जाता है) और Tirzepatide (जो Lilly की Zepbound और Mounjaro में मिलता है) शामिल हैं। नए गाइडलाइन के मुताबिक ये दवाइयां इतनी असरदार हैं कि जहां जरूरी हो, वहां इन्हें ही सबसे पहले चुना जाना चाहिए।

Reuters के मुताबिक, अगर वजन कम करने की जरूरत कम हो, तो दूसरी दवाइयां भी दी जा सकती हैं। इनमें पुरानी दवा Liraglutide, और दूसरे विकल्प जैसे Naltrexone–Bupropion और Phentermine-Topiramate शामिल हैं।

यूरोपियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ ओबेसिटी (EASO) ने यह गाइडलाइन जारी की है, जिसे Nature Medicine में प्रकाशित किया गया। हालांकि, यह गाइडलाइन हर देश पर अनिवार्य नहीं है।


डॉक्टरों का कहना है कि GLP-1 एगोनिस्ट नाम की इस दवा की कैटेगरी ने मोटापा और उससे जुड़ी बीमारियों के इलाज को पूरी तरह बदल दिया है। पहले यह दवाइयां डायबिटीज के इलाज के लिए बनाई गई थीं, लेकिन अब इनका इस्तेमाल मोटापे और उससे होने वाली जटिलताओं के लिए किया जा रहा है।

गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि अलग-अलग बीमारियों के हिसाब से अलग दवाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। जैसे –

  • स्लीप एपनिया (नींद में सांस रुकना) के लिए Tirzepatide बेहतर है।
  • घुटनों के ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए Semaglutide सही माना गया है।
  • दिल की बीमारी या स्ट्रोक के मरीजों के लिए Semaglutide पहली पसंद होनी चाहिए।
  • फैटी लिवर के लिए Tirzepatide को प्राथमिकता दी गई है।
  • प्री-डायबिटीज और टाइप-2 डायबिटीज वाले मरीजों के लिए दोनों दवाइयां (Semaglutide और Tirzepatide) इस्तेमाल की जा सकती हैं।

हालांकि, इन दवाओं की कीमत बहुत ज्यादा है और लंबे समय तक इस्तेमाल में कई चुनौतियां भी हैं, जैसे- पेट से जुड़ी दिक्कतें, पोषण की कमी, मांसपेशियों और हड्डियों की कमजोरी, महंगी दवाइयां छोड़ देना और वजन दोबारा बढ़ना।

गाइडलाइन में कहा गया है कि मोटापे का इलाज सिर्फ वजन घटाने तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि मरीज की मानसिक स्थिति, फिजिकल फिटनेस, सामाजिक जीवन और समग्र स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना जरूरी है।

शोधकर्ता मानते हैं कि ये नई दवाइयां भविष्य में और भी बीमारियों में मदद कर सकती हैं, जैसे- किडनी की बीमारी, दिमाग से जुड़ी बीमारियां, PCOS, कुछ प्रकार के कैंसर और मेंटल हेल्थ समस्याएं।

EASO ने कहा है कि मोटापे के इलाज से जुड़ी दवाओं में तेजी से नए बदलाव हो रहे हैं, इसलिए गाइडलाइन को समय-समय पर अपडेट किया जाएगा।

अमेरिका की कई संस्थाओं ने यह भी सलाह दी है कि इन दवाइयों का इस्तेमाल हमेशा पोषण और लाइफ स्टाइल में सुधार के साथ होना चाहिए। क्योंकि सिर्फ दवा लेने से लंबे समय तक सफलता नहीं मिलती।

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