100 years Of RSS: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने संगठन के शताब्दी वर्ष समारोह में गुरुवार (28 अगस्त) को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सिर्फ मौजूदा सरकार के साथ ही नहीं, हमारा हर सरकार के साथ अच्छा समन्वय रहा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ संबंधों पर आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा, "कहीं कोई झगड़ा नहीं है। लेकिन सभी मुद्दों पर एकमत होना संभव नहीं है। हम हमेशा एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं।" बीजेपी के नए अध्यक्ष के फैसले में देरी पर आरएसएस प्रमुख भागवत ने चुटकी लेते हुए कहा, "अपना समय लें, हमें कुछ कहने की जरूरत नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा कि मैं शाखाओं के संचालन में निपुण हूं। जबकि बीजेपी सरकार चलाने में निपुण है। इसलिए हम एक-दूसरे को सिर्फ सुझाव दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी में सब कुछ संघ तय करता है, यह पूर्णतः गलत बात है। मोहन भागवत ने पूछा कि अगर RSS ने बीजेपी अध्यक्ष चुना होता तो क्या इतना समय लगता।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, बीजेपी और RSS के बीच मतभेद के सवाल पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, "मतभेद के कोई मुद्दे नहीं होते। हमारे यहां मतभेद के विचार कुछ हो सकते हैं लेकिन मनभेद बिल्कुल नहीं है। एक दूसरे पर विश्वास है। क्या बीजेपी सरकार में सब कुछ RSS तय करता है? ये पूर्णतः गलत बात है। ये हो ही नहीं सकता। मैं कई साल से संघ चला रहा हूं, वे सरकार चला रहे हैं। सलाह दे सकते हैं लेकिन उस क्षेत्र में फैसला उनका है, इस क्षेत्र में हमारा है।"
उन्होंने आगे कहा, "इसलिए हम तय नहीं करते। हम तय करते तो इतना समय (बीजेपी अध्यक्ष चुनने में) लगता क्या? हम तय नहीं करते।" BJP और RSS के बीच संबंधों पर मोहन भागवत ने कहा, "सिर्फ इस सरकार के साथ नहीं हर सरकार के साथ हमारा अच्छा समन्वय रहा है...कहीं कोई झगड़ा नहीं है।"
'भारतीय जनता पार्टी के अलावा अन्य राजनीतिक दलों का RSS साथ क्यों नहीं देता? इसके सवाल के जवाब में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, "अच्छे काम के लिए जो हमसे सहायता मांगते हैं हम उन्हें सहायता देते हैं। हम सहायता करने जाते हैं तो जो दूर भागते हैं, उन्हें सहायता नहीं मिलती तो हम क्या करें।"
उन्होंने आगे कहा, "आपको सिर्फ एक पार्टी दिखती है जिसको हम सहायता कर रहे हैं। लेकिन कभी कभी देश चलाने के लिए या पार्टी का कोई काम चलाने के लिए अगर वो अच्छा है तो हमारे स्वयं सेवक जाकर मदद करते हैं...हमें कोई परहेज नहीं है। सारा समाज हमारा है। हमारी तरफ से कोई रुकावट नहीं है। उधर से रुकावट है तो हम उनकी इच्छा का सम्मान करके रूक जाते हैं।"