
राउज एवेन्यू कोर्ट ने अगस्तावेस्टलैंड चॉपर घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को जेल से रिहा करने का आदेश दिया है। हालांकि, वह सीबीआई मामले में अभी भी हिरासत में रहेगा। स्पेशल जज (CBI) संजय जिंदल ने CrPC की धारा 436A के तहत यह आदेश दिया। कोर्ट ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगर मिशेल पर कोई दूसरा मामला न हो तो 21 दिसंबर को उसे रिहा कर दें। मिशेल ने कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उसने अधिकतम 7 साल की सजा पूरी कर ली है।
पिछले आदेश और बेल की स्थिति
सुप्रीम कोर्ट ने CBI मामले में उन्हें बेल दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बेल दी। दोनों मामलों में 5-5 लाख रुपए के जमानत बॉन्ड और पासपोर्ट जमा करने की शर्त थी। लेकिन मिशेल ने बॉन्ड नहीं भरा और पासपोर्ट की वैधता खत्म हो गई। सीबीआई मामले में उनकी बेल अर्जी सोमवार को सुनवाई के लिए है।
मामला क्या है?
यह 3,600 करोड़ रुपए के अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे से जुड़ा है। वीआईपी के लिए 12 हेलीकॉप्टर खरीदने का डील था। आरोप है कि बोली जीतने के लिए हेलीकॉप्टर की ऊंचाई सीमा कम कर दी गई। 200 करोड़ रुपए का रिश्वत दी गई। पूर्व एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी भी आरोपी हैं।
मिशेल की गिरफ्तारी कैसे हुई?
ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को 4 दिसंबर 2018 को दुबई से भारत प्रत्यर्पित किया गया। फिर CBI ने गिरफ्तार किया। 22 दिसंबर को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए गिरफ्तार किया। सीबीआई ने 2013 में केस दर्ज किया था। ईडी ने भी अलग केस बनाया।
यह फैसला एक बड़े घोटाले में लंबे इंतजार के बाद राहत है, लेकिन सीबीआई केस अभी लंबित है।
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