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Delhi AQI: दिवाली के बाद दिल्ली में कितना बढ़ा प्रदूषण? जानें बीते चार सालों का हाल

Air Pollution In Delhi: आंकड़ों के मुताबिक, इस साल दिवाली के दौरान हवा की गुणवत्ता में पिछले चार वर्षों की तुलना में सबसे तेज़ गिरावट दर्ज की गई। 21 अक्टूबर को जारी रिपोर्ट के अनुसार, 20 और 21 अक्टूबर को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) दिवाली से पहले के आठ दिनों के औसत की तुलना में 49 प्रतिशत तक बढ़ गया

अपडेटेड Oct 21, 2025 पर 10:04 PM
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Delhi Air Quality: दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में वायु प्रदूषण 400 के पार जा चुका है।

Air Pollution In Delhi : दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में वायु प्रदूषण 400 के पार जा चुका है। सरकार ने प्रदूषण की स्थिति को कंट्रोल करने के लिए राजधानी में ग्रैप-2 के प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। दिवाली की रात दिल्ली का आसमान पटाखों की रौशनी से चमक उठा, लेकिन इस जश्न का असर हवा की गुणवत्ता पर बुरा पड़ा। त्योहार की खुशियों के बीच शहर और आसपास के इलाके घने धुएं और धुंध की चादर में लिपट गए, जिससे दिल्ली में वायु प्रदूषण चार साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया।

AQI 49 प्रतिशत बढ़ा

आंकड़ों के मुताबिक, इस साल दिवाली के दौरान हवा की गुणवत्ता में पिछले चार वर्षों की तुलना में सबसे तेज़ गिरावट दर्ज की गई। 21 अक्टूबर को जारी रिपोर्ट के अनुसार, 20 और 21 अक्टूबर को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) दिवाली से पहले के आठ दिनों के औसत की तुलना में 49 प्रतिशत तक बढ़ गया।


बीते चार सालों का हाल

एक्सपर्ट का कहना है कि पटाखों से निकला धुआं, वाहनों का प्रदूषण और मौसम में ठंड बढ़ने के कारण हवा में मौजूद कण नीचे जम गए, जिससे प्रदूषण का स्तर और ज्यादा खतरनाक हो गया। दिवाली के बाद दिल्ली की हवा और ज्यादा जहरीली हो गई है। राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बढ़कर 351 तक पहुंच गया, जो इस सीजन का पहला ‘गंभीर’ स्तर है। यह 2021 के बाद से दिवाली के दौरान दर्ज किए गए सबसे खराब प्रदूषण स्तरों में से एक माना जा रहा है, जब AQI 460 के पार चला गया था। दिवाली से पहले के आठ दिनों में दिल्ली का औसत AQI 233 था, लेकिन सिर्फ दो दिनों में ही इसमें भारी गिरावट आई और हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई।

वहीं इस साल दिवाली के बाद वायु प्रदूषण में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो 2021 के बाद से सबसे तेज उछाल है। आमतौर पर दिवाली से पहले के हफ्ते से लेकर त्योहार के दिन तक AQI में 10 से 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखी जाती है, लेकिन इस साल यह स्तर लगभग दोगुना हो गया। विशेषज्ञों का कहना है कि हर साल दिवाली के समय दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब होती है, लेकिन इस बार हालात और ज्यादा बिगड़े हैं। पटाखों से निकलने वाला धुआं, पराली जलाने की घटनाएं और ठंडी हवाओं का रुकना इन सबने मिलकर राजधानी की हवा को बेहद प्रदूषित बना दिया है।

अभी और बढ़ेगा प्रदूषण!

इस साल दिवाली पर दिल्ली का AQI 351 दर्ज किया गया, जो पिछले साल के 339 से ज्यादा है। हालांकि यह अभी भी 2021 के 462 और 2020 के 435 के स्तर से कम है, लेकिन प्रदूषण का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है। एक्सपर्ट का कहना है कि अगर दिवाली के बाद पराली जलाने की घटनाएं बढ़ीं और ठंडी हवाओं के कारण प्रदूषक कण जमीन के पास फंसे रहे, तो आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता और खराब हो सकती है। ऐसे में दिल्ली की हवा और ज्यादा जहरीली बन सकती है, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है।

इस बार प्रदूषण के बढ़ने में राज्यों के हालात अलग-अलग नजर आए हैं। पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर ऊंचा गया, जबकि हरियाणा में ऐसी आग की घटनाओं में इस साल बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। एक्सपर्ट का मानना है कि केवल पराली ही नहीं, बल्कि वाहनों से निकलने वाला धुआं और निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल जैसे स्थानीय कारणों ने भी प्रदूषण बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। इन सभी कारणों के चलते दिल्ली और आसपास के इलाकों की हवा और ज्यादा दूषित होती जा रही है।

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