केंद्र सरकार ने आज राज्यों के मिनरल टैक्स लगाने के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका पर जल्द सुनवाई करने की मांग की। केंद्र सरकार ने कहा इसका असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो सकता है। इस पर ज्यादा डिटेल जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने कहा कि राज्यों के मिनरल पर टैक्स लगाने का अधिकार पर केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। केंद्र सरकार ने ये इससे जुड़ी क्यूरेटिव याचिका पर जल्द सुनवाई करने की मांग की है।
केंद्र का कहना है कि राज्यों को मिनरल रॉयल्टी पर टैक्स लगाने का अधिकार नहीं दिया जा सकता। इससे अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग कीमत हो जाएगी। अलग-अलग कीमतों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव पड़ेगा। इससे भारत का फेडरल स्ट्रक्चर प्रभावित हो सकता है। SC ने कहा है कि वह मामेले को देखेगा। अब इस मामले की सुनवाई जनवरी में संभव है।
क्यूरेटिव याचिका की सुनवाई के लिए 9 जजों की बेंच का गठन होगा। बता दें कि SC ने जुलाई 2024 में राज्यों को मिनरल पर टैक्स लगाने का अधिकार दिया था। हालांकि कोर्ट पहले केंद्र की रिव्यू याचिका खारिज कर चुका है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के 25 जुलाई के ऐतिहासिक फैसले से खनिज समृद्ध राज्यों की बड़ी जीत हुई थी। कोर्ट ने खनिज-युक्त भूमि पर रॉयल्टी (Supreme Court On Mineral Tax) लगाने के राज्य सरकारों के अधिकार को बरकरार रखा था। कोर्ट की बेंच ने फैसले में कहा था कि राज्यों के पास खनिज युक्त भूमि पर टैक्स लगाने की क्षमता और शक्ति है। अदालत ने कहा था कि रॉयल्टी कोई टैक्स नहीं है।
उसके बाद केंद्र सरकार में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के 25 जुलाई के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। इस याचिका को भी खारिज कर दिया गया था और सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की संविधान पीठ का राज्यों को खनिज अधिकारों पर टैक्स लगाने का अधिकार देने का फैसला बरकरार रखा गया था। उसके बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की है।