Indigo Crisis: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में लगातार फ्लाइटें रद्द और विलंबित होने के कारण मचे राष्ट्रव्यापी संकट ने अब राजनीतिक मोर्चे पर घमासान पैदा कर दिया है। नागर विमानन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया, जिनमें सरकार पर देश के विमानन क्षेत्र में 'एकाधिकार मॉडल' को बढ़ावा देने और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बाधित करने का आरोप लगाया गया था। दरअसल कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इंडिगो की इस 'विफलता' को सरकार के 'एकाधिकार मॉडल' की कीमत बताया था।
राहुल गांधी ने लगाया था इंडिगो के मोनोपॉली का आरोप
5 दिसंबर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इंडिगो के फ्लाइट ऑपरेशन में हुई इस बड़ी गड़बड़ी को सरकार के 'एकाधिकार मॉडल' की कीमत बताया था। राहुल गांधी ने कहा था, 'एक बार फिर, सामान्य भारतीय इसकी देरी, रद्दीकरण और असहायता के रूप में कीमत चुका रहा है। भारत हर क्षेत्र में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का हकदार है, न कि मैच-फिक्सिंग एकाधिकार का।'
राहुल गांधी ने सरकार पर ये आरोप तब लगाए जब 60 प्रतिशत से अधिक हवाई यात्रियों की हिस्सेदारी रखने वाली इंडिगो, नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशंस (FDTL) नियमों को लागू करने और उसके लिए पर्याप्त प्लानिंग बनाने में विफल रही, जिससे बड़े पैमाने पर देरी और रद्दीकरण हुआ।
'हम प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देते हैं'
राहुल गांधी के इन आरोपों के बाद नागर विमानन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे राजनीतिक रंग न देने की अपील की। मंत्री ने कहा कि, 'उन्हें समझना चाहिए कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि जनता से जुड़ा मामला है। सरकार ने हमेशा अधिक प्रतिस्पर्धा लाने की कोशिश की है।' नायडू ने तर्क दिया कि सरकार विमानों के लीज़िंग (पट्टे) की लागत को कम करने के लिए कानून लाई है, जिससे नई एयरलाइनों के लिए बाज़ार में प्रवेश करना और अपने बेड़े का विस्तार करना आसान हो गया है। उन्होंने कहा कि इंडिगो का संकट परिचालन संबंधी निर्णय की विफलता है, न कि किसी आधिकारिक पूर्वाग्रह का परिणाम।
इंडिगो पर DGCA का कड़ा रुख
विमानन नियामक DGCA ने इस परिचालन विफलता पर कड़ी कार्रवाई करते हुए इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स और जवाबदेह प्रबंधक को 'कारण बताओ नोटिस' जारी किया है। DGCA ने एल्बर्स को 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा है कि क्यों एयरलाइन के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। नियामक ने नोटिस में कहा, 'एक सीईओ के रूप में, आप एयरलाइन के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन आप विश्वसनीय संचालन और यात्रियों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए समय पर व्यवस्था सुनिश्चित करने में अपनी ड्यूटी में विफल रहे हैं।'
इंडिगो संकट के बीच मांग बढ़ने से अन्य वाहकों की उड़ानों के किराए में भारी वृद्धि देखी गई थी। इस पर संज्ञान लेते हुए, केंद्र सरकार ने शनिवार को एयरलाइनों के किराए को सीमित करने का निर्देश दिया ताकि यात्रियों से 'अवसरवादी मूल्य निर्धारण' न वसूला जाए।