Aviation Minister Ram Mohan Naidu : इंडिगो संकट पर केंद्र सरकार सख्त हो गई है। इंडिगो संकट के बीच एविएशन मंत्री राम मोहन नायडू ने कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने साफ कहा कि बदले हुए पायलट और क्रू रोस्टरिंग नियमों पर अब कोई समझौता या बातचीत नहीं होगी। मंत्री ने भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया। लोकसभा में बोलते हुए नायडू ने बताया कि इंडिगो की उड़ान सेवाएं अब देश के विभिन्न एयरपोर्ट पर धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं। लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी एयरलाइन चाहे जितनी बड़ी क्यों न हो—यात्रियों को इस तरह की परेशानी में नहीं डाल सकती।
विपक्ष की नारेबाजी के बीच नायडू ने कहा, “इंडिगो की समस्याएं अब स्थिर हो रही हैं… लेकिन किसी भी एयरलाइन को, चाहे वह कितनी भी बड़ी हो, गलत प्लानिंग, नियमों का पालन न करने या कानून तोड़ने की वजह से यात्रियों को ऐसी मुश्किलों में डालने की इजाजत नहीं दी जाएगी।”
आज भी हुईं 500 फ्लाइट्स रद्द
मंगलवार को इंडिगो की करीब 500 फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं, क्योंकि एयरलाइन की अव्यवस्था दूसरे हफ्ते में भी जारी रही। हालांकि यह संख्या पिछले हफ्ते की तुलना में कम थी, लेकिन कई एयरपोर्टों पर हालात फिर भी काफी तनावपूर्ण रहे। बढ़ते हंगामे को देखते हुए DGCA ने इंडिगो को नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के कुछ सख्त नाइट-ड्यूटी प्रावधानों से अस्थायी राहत देने का फैसला किया। लेकिन इस कदम की विशेषज्ञों ने आलोचना की और कहा कि केंद्र सरकार ने इंडिगो के दबाव में आकर यह रियायत दी है—खासतौर पर इसलिए क्योंकि इंडिगो देश के करीब दो-तिहाई घरेलू हवाई यातायात को संभालती है।
‘नई एयरलाइंस को शुरू करने के लिए बढ़ावा देना’
एविएशन मंत्री ने बताया कि रिफंड, बैगेज ट्रेसिंग और यात्रियों की मदद से जुड़े सभी उपाय मंत्रालय की निगरानी में हैं और इस पूरे मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। उन्होंने संसद को जानकारी दी कि एयरलाइन अब तक 750 करोड़ रुपये का रिफंड प्रोसेस कर चुकी है। नायडू ने यह भी कहा कि इंडिगो के हालिया संकट ने दिखा दिया है कि भारत में नई एयरलाइंस को शुरू करने और उन्हें ऑपरेट करने के लिए प्रोत्साहन देना जरूरी है, बाज़ार में डुओपॉली जैसी स्थिति न बन जाए। इस समय इंडिगो का घरेलू मार्केट शेयर लगभग 65% है, जबकि एयर इंडिया का हिस्सा 27% है।
उन्होंने आगे कहा, “सिविल एविएशन में सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। सरकार एक मजबूत और प्रतिस्पर्धी एविएशन इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।” इंडिगो, जिसे अपनी तय उड़ानों में 5% की कटौती करने का आदेश दिया गया है, ने शो-कॉज नोटिस के जवाब में कहा कि हालिया अव्यवस्था कई कारणों से हुई—जैसे तकनीकी दिक्कतें, सर्दियों के शेड्यूल में बदलाव, खराब मौसम, एविएशन सिस्टम में बढ़ती भीड़ और नए FDTL नियमों को लागू करने से जुड़ी चुनौतियां।