बरेली पुलिस ने 26 सितंबर को हुई हिंसा के मामले में अब तक 56 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं हिंसा के आरोपी आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा खान की संपत्ति पर मंगलवार को बुलडोजर एक्शन भी हुआ है। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों को भड़काने के लिए व्हाट्सएप पर आपत्तिजनक मैसेज फैलाए गए थे। पुलिस के अनुसार, शुक्रवार की नमाज़ के बाद बड़ी संख्या में लोग आला हज़रत दरगाह और आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा खान के घर के बाहर "आई लव मोहम्मद" लिखे पोस्टर लेकर जमा हो गए। विरोध के दौरान भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और टकराव की स्थिति बन गई। इस झड़प में कई लोग घायल हुए और सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा।
वहीं गिरफ्तार लोगों मे मौलाना तौकीर रजा, डॉ. नफीस और नदीम भी शामिल है, जो कि इस हिंसा के मास्टरमाइंड बताए जा रहे हैं। पुलिस ने अभी तक मौलाना तौकीर के करीबियों की 150 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। वहीं अब प्रशासन तौकीर की बेनामी संपत्तियों पर कब्जा करने की तैयारी कर रही है।
#WATCH | Bareilly, UP | Bulldozer action on Maulana Mohsin Raza's property following his arrest in connection with the 26 September's protests by a group of people who gathered outside Ala Hazrat Dargah & IMC chief Maulana Tauqeer Raza Khan's house, holding 'I Love Mohammad'… pic.twitter.com/EZHXRbLEPU
— ANI (@ANI) September 30, 2025
180 लोगों पर दर्ज हुआ केस
पुलिस ने बरेली हिंसा के मामले में 180 नामजद लोगों के खिलाफ दंगा और अन्य धाराओं में 10 मुकदमे दर्ज किए हैं। इसके अलावा 2,500 अज्ञात लोगों को भी आरोपियों की सूची में शामिल किया गया है। पुलिस ने स्थानीय मौलवी तौकीर रज़ा खान समेत करीब 40 लोगों को शनिवार को गिरफ्तार किया, जिन पर विरोध प्रदर्शन कराने का आरोप है। गृह विभाग के सचिव गौरव दयाल के हस्ताक्षर वाली अधिसूचना के अनुसार, हिंसा के बाद राज्य सरकार ने शनिवार को सभी मोबाइल इंटरनेट, ब्रॉडबैंड और एसएमएस सेवाओं को बंद करने का आदेश दिया। ये सर्विस बुधवार की आधी रात तक निलंबित रहेंगी।
सीएम योगी सख्त रुख
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को बरेली में हुई हिंसा पर सख्त रुख अपनाते हुए उपद्रवियों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। सीएम योगी ने कहा, “ये लोग इतने नासमझ हैं कि यह तक नहीं जानते कि आस्था का सम्मान किया जाता है, उससे प्रेम जताने का दिखावा नहीं किया जाता। आस्था कोई चौराहे पर दिखाने की चीज़ नहीं, यह तो अंतरात्मा से जुड़ा विषय है। कुछ लोग छोटे बच्चों को ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर थमाकर समाज में अशांति फैलाना चाहते हैं। उन्हें समझना चाहिए कि उनकी अपनी ज़िंदगी पहले ही बर्बाद हो चुकी है, लेकिन अब वे मासूम बच्चों का भविष्य भी खराब करने पर तुले हैं।”
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