Get App

Bengal SIR: क्या बंगाल में 1 करोड़ रोहिंग्या और बांग्लादेशी रहते हैं? ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से बड़ा खुलासा

Bengal SIR: चुनाव आयोग ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के बाद पश्चिम बंगाल के लिए ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि इसमें मौत, पलायन और एन्यूमरेशन फॉर्म जमा न करने जैसे कई कारणों से 58 लाख से अधिक वोटर्स के नाम हटा दिए गए हैं। बीजेपी ने दावा किया था कि बंगाल में 1 करोड़ रोहिंग्या और बांग्लादेशी रहते हैं

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Dec 16, 2025 पर 5:20 PM
Bengal SIR: क्या बंगाल में 1 करोड़ रोहिंग्या और बांग्लादेशी रहते हैं? ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से बड़ा खुलासा
Bengal SIR: तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि ताजा आंकड़ों ने बीजेपी के एक करोड़ रोहिंग्या के दावे को गलत साबित किया है

Bengal SIR: चुनाव आयोग (EC) के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत पश्चिम बंगाल के लिए जारी नए ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल राजनीतिक टकराव का एक नया मुद्दा बन गया है। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इस ड्राफ्ट वोटर लिस्ट का इस्तेमाल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पहले के दावे को गलत साबित करने के लिए किया है। भगवा पार्टी ने दावा किया था कि राज्य में एक करोड़ रोहिंग्या और बांग्लादेशी धोखे से वोटर के तौर पर लिस्टेड हैं। फर्जी मतदाताओं के तौर पर चिह्नित लोगों की संख्या 1,83,328 बताई गई है।

राज्य में 2026 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इससे पहले जारी किए गए ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल में मौत और परमानेंट माइग्रेशन से लेकर डुप्लीकेशन और फॉर्म जमा न करने जैसे कारणों से हटाए गए नामों का डिटेल्स दिया गया है। हालांकि SIR के बाद 58 लाख से अधिक नाम हटा दिए गए हैं। लेकिन चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि फर्जी मतदाताओं की संख्या बीजेपी नेता के बार-बार किए गए दावों से काफी कम है।

बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने इससे पहले आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासी मौजूद हैं। उन्होंने अतीत में चुनावी परिणामों को प्रभावित किया हैउन्होंने चुनाव आयोग से ऐसे मतदाताओं के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया था।

वोटर लिस्ट के फॉर्मेट में एक करोड़ अवैध मतदाताओं के दावे का कोई संख्यात्मक आधार नहीं दिखा है। अधिकारियों ने बताया कि 1.83 लाख फर्जी मतदाताओं का आंकड़ा क्षेत्रीय सत्यापन के बाद एसआईआर प्रक्रिया के दौरान चिह्नित किए गए मामलों को दर्शाता है। तृणमूल ने इन्हीं आंकड़ों के आधार पर तीखा पलटवार किया।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें