Bengaluru Stampede Update: बेंगलुरू स्टेडियम में चार मई को हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत के कुछ दिनों बाद कर्नाटक पुलिस ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने RCB के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले को गिरफ्तार कर लिया है। बेंगलरु भगदड़ मामले में पुलिस ने यह पहली गिरफ्तारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, निखिल के अलावा बेंगलुरु पुलिस ने इवेंट मैनेजमेंट कंपनी DNA के सुनील मैथ्यू को भी गिरफ्तार किया है।
इस मामले में दो और लोगों को हिरासत में लिया गया है। चारों से गहन पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने शुक्रवार (6 जून) को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सभी की गिरफ्तारी की। बेंगलुरु के लिए खुशी का पल त्रासदी में तब बदल गया जब चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर RCB टीम की विजय परेड के दौरान प्रशंसकों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। इस दर्दनाक हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई। जबकि 33 अन्य लोग घायल हो गए हैं।
पुलिस ने गुरुवार (5 जून) को भगदड़ को लेकर RCB, इवेंट मैनेजमेंट कंपनी DNA और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) प्रशासन के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस ने कहा कि KSCA के अधिकारी फिलहाल फरार हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पुलिस से इन प्रतिनिधियों को गिरफ्तार करने को कहा था।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम के सामने हुई भगदड़ के मामले में बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर बी दयानंद और कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया। साथ ही वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सीमांत कुमार सिंह को अगले आदेश तक बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्त किया।
मुख्यमंत्री ने आरसीबी टीम, इवेंट मैनेजमेंट फर्म डीएनए एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) के प्रतिनिधियों की गिरफ्तारी का भी आदेश दिया। इसके कुछ ही घंटों बाद उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित विभिन्न आरोपों के तहत FIR दर्ज की गई।
इससे पहले कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार इस घटना के बारे में बात करते हुए भावुक हो गए और कहा कि इस घटना के कारण बेंगलुरु की छवि खराब हुई है। उन्होंने कहा, "हमें बहुत दुख पहुंचा है। पीड़ित हमारे अपने परिवार के सदस्य हैं। कर्नाटक की छवि, बेंगलुरु की छवि...हां, हम इसकी (जिम्मेदारी) लेते हैं। हम दूसरों पर आरोप नहीं लगा रहे हैं, हालांकि यह बहुत अप्रत्याशित रूप से हुआ है।"
राज्य सरकार की यह कार्रवाई भारतीय जनता पार्टी (BJP) के चौतरफा हमले के बीच आई है, जिसने सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के इस्तीफे की मांग की है। साथ ही सरकार पर "गंदी राजनीति" करने का आरोप लगाया है।