ED Raid Bhupesh Baghel Home: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार (18 जुलाई) सुबह छापेमारी की है। सुबह करीब 6 बजे से ED की छापेमारी चल रही है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई राज्य में चर्चित शराब घोटाले और महादेव सट्टा ऐप से संबंधित बताई जा रही है। सूत्रो के मुताबिक, भूपेश बघेल के भिलाई 3 स्थित आवास में ED की टीम 3 गाड़ियों में पहुंची है। शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे बघेल के घर ED के अधिकारी पहुंचे।
केंद्रीय जांच एजेंसी के साथ बड़ी संख्या में CRPF के जवान भी मौजूद हैं। भूपेश बघेल ने आरोप लगाया है कि उन्हें आज विधानसभा में अडानी के लिए कथित तौर पर तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा उठाना था। इसलिए ED उनके घर आई है। ED रेड की जानकारी खुद भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के जरिए दिया।
उन्होंने X लिखा, "ED आ गई। आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है। अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा आज उठना था। भिलाई निवास में “साहेब” ने ED भेज दी है।" ED की टीम अब भी बघेल के भिलाई स्थित आवास पर छापामारी की कार्रवाई कर रही है। शराब घोटाला और महादेव सट्टा ऐप जैसे मामलों की ED जांच कर रही है।
भूपेश बघेल से जुड़े ठिकानों पर यह पहली रेड नहीं है। इससे पहले भी भूपेश बघेल के घर पर ईडी की टीम ने छापेमारी की थी। मार्च 2025 में ED ने दुर्ग जिले में 14 ठिकानों पर भी छापेमारी की थी। इसमें उनके बेटे चैतन्य बघेल का घर और उनके करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल से जुड़ी संपत्तियां भी शामिल थीं। उस छापेमारी में भारी मात्रा में कैश जब्त की गई थी। तब घर के कैश जब्त करने के बाद नोट गिनने की मशीन भी मंगवाई गई थी, जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था।
शराब घोटाले से छत्तीसगढ़ सरकार को 2,161 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान होने का दावा है। ED के अनुसार, घोटाले से प्राप्त आय को सरकारी अधिकारियों, ठेकेदारों और व्यापारियों के एक नेटवर्क के जरिए लूटा गया, जिनमें से कुछ कथित तौर पर राजनीतिक संरक्षण में काम कर रहे थे। एजेंसी को शक है कि एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन की राशि का गबन करके उसे निजी व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया गया। माना जाता है कि यह घोटाला पिछली सरकार के कार्यकाल में फला-फूला।
कांग्रेस पार्टी ने छापेमारी की आधिकारिक पुष्टि की है। साथ ही इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए केंद्र सरकार पर विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए संघीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने ED की कार्रवाई को सत्ता का खुला दुरुपयोग करार दिया। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य शासन के जरूरी मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाना और राजनीतिक असहमति को दबाना था।