Bihar SIR Row: 'बिहार वोटर लिस्ट से हटाए गए 65 लाख मतदाताओं के नाम उजागर करें'; चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

Bihar SIR Row: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से वोटर लिस्ट से हटाए गए 65 लाख मतदाताओं की पहचान 19 अगस्त तक उजागर करने को कहा है। शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग से 22 अगस्त तक उसके निर्देश पर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी

अपडेटेड Aug 14, 2025 पर 4:36 PM
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Bihar SIR Row: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से 22 अगस्त तक उसके निर्देश पर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है

Bihar SIR Row: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के लिए जारी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान पर सुप्रीम कोर्ट से निर्वाचन आयोग (ECI) को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (14 अगस्त) को चुनाव आयोग से कहा कि वह चुनावी राज्य बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन के दौरान हटाए गए 65 लाख मतदाताओं के नाम अपनी वेबसाइट पर अपलोड करे। भारत का चुनाव आयोग बिहार में विधानसभा चुनावों से पहले वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) कर रहा है। लेकिन, विपक्ष के विरोध के कारण यह चुनावी प्रक्रिया अब विवादों में घिर गई है।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से वोटर लिस्ट से हटाए गए 65 लाख मतदाताओं की पहचान 19 अगस्त तक सार्वजनिक करने को कहा है। शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग से 22 अगस्त तक उसके निर्देश पर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है

मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी। फिलहाल, बिहार एसआईआर के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दी है। 19 अगस्त तक चुनाव आयोग को अपनी वेबसाइट पर कारण बताना होगा कि उसने 65 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से क्यूं काटे।

सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने मृत, जिला स्तर पर पलायन कर चुके या दूसरे स्थानों पर जा चुके मतदाताओं की लिस्ट शेयर करने पर सुप्रीम कोर्ट में सहमति जताई। शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग से कहा, "वेबसाइट और स्थान के डिटेल्स के लिए सार्वजनिक नोटिस जारी करने पर विचार करें, जहां लोगों (मृत, पलायन कर चुके या दूसरे स्थानों पर चले गए) की जानकारी शेयर की जा सके।"


सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि हम नहीं चाहते कि नागरिकों के अधिकार राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं पर निर्भर रहें। शीर्ष अदालत ने कहा कि मृत, पलायन कर चुके या दूसरे स्थानों पर चले गये मतदाताओं के नामों को डिस्प्ले बोर्ड या वेबसाइट पर प्रदर्शित करने से अनजाने में हुई त्रुटियों को सुधारने का मौका मिलेगा।

इस दौरान चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को मृत, पलायन कर चुके या दूसरे स्थानों पर चले गए लोगों के नामों की लिस्ट दे दी गई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप इन नामों को डिस्प्ले बोर्ड या अपनी वेबसाइट पर क्यों नहीं डाल सकते? जिन्हें दिक्कत है वह लोग 30 दिन के भीतर सुधारात्मक उपाय कर सकते हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से पूछा कि आप उन लोगों के नाम क्यों नहीं बता सकते जिनकी मौत हो गई हैं, जो पलायन कर गए हैं या दूसरे निर्वाचन क्षेत्रों में चले गए हैं? चुनाव आयोग ने कहा कि बिहार में एक मोटे अनुमान के मुताबिक लगभग 6.5 करोड़ लोगों को एसआईआर के लिए कोई दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं है।

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Aug 14, 2025 4:18 PM

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