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BSF Jawan: 'आंख पर पट्टी, बाथरूम ब्रेक नहीं, सीमा पर भारत की पोजिशनिंग...' BSF जवान ने सुनाई आपबीती

Purnam Kumar Shaw: BSF जवान ने बताया है की उनको शारीरिक यातना नहीं दी गई, लेकिन हिरासत में मानसिक दबाव डाला गया

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड May 17, 2025 पर 10:25 AM
BSF Jawan: 'आंख पर पट्टी, बाथरूम ब्रेक नहीं, सीमा पर भारत की पोजिशनिंग...' BSF जवान ने सुनाई आपबीती
BSF जवान से सीमा पर बीएसएफ की तैनाती के बारे में बार-बार पूछताछ की गई

BSF Jawan Return India: पाकिस्तान ने पिछले दिनों सीमा सुरक्षा बल(BSF) के जवान पूर्णम कुमार शॉ को भारत लौटाया था। दरअसल 23 अप्रैल को वो अनजाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर गए थे और जिन्हें पाक रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था। वो बुधवार को रिहा होकर भारत लौट आए। उनकी वापसी भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौते के बाद हुई। भारत लौटने के बाद उन्होंने पाकिस्तान में बिताए तीन हफ्तों के बारे में जानकारी दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ित तो नहीं किया गया लेकिन उन पर मानसिक दवाब बनाया गया।

'आंख पर पट्टी, बाथरूम ब्रेक नहीं...'

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, BSF जवान ने बताया है की उनको शारीरिक यातना नहीं दी गई, लेकिन हिरासत में मानसिक दबाव डाला गया, जैसे कि बाथरूम ब्रेक न देना, नींद से वंचित करना। उनकी आंखों पर पट्टी बांधी गई जिससे अनएक्सपेक्टेड डर ने उनके मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित किया है। सबसे प्रमुख बात ये है कि उनसे भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील विषयों जैसे सीमा पर बीएसएफ की तैनाती के बारे में बार-बार पूछताछ की गई।

आपको बता दें कि, BSF जवान 23 अप्रैल से पाकिस्तानी सेना की कैद में थे। इस बीच सेना के अधिकारियों ने उनकी वापसी के लिए कई दफा बातचीत की। हालांकि हर बातचीत में एक ही जवाब मिला, 'हम उच्च अधिकारियों से निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।' बीते बुधवार को सुबह 10.30 बजे अटारी-वाघा सीमा के रास्ते उन्हें भारत लाया गया।

परिवार ने जताया था सरकार का आभार

पूर्णम कुमार शॉ के पाकिस्तान से अपने वतन वापस आने से उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई और उन्होंने राहत की सांस ली। परिवार वालों ने केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार को उन्हें सुरक्षित वापस लाने के प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया। उनके पिता भोलानाथ शॉ ने कहा कि वह चाहते हैं कि पूर्णम फिर से देश के लिए काम करें। उन्होंने कहा, 'मैं चाहता हूं कि वह देश के लिए ही काम करें। वह फिर से हमारे देश की रक्षा के लिए वापस जाएगा।'

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