Chandan Mishra Murder Case: बिहार की राजधानी पटना में बीतों दिनों में अपराधियों में खुलेआए एक ऐसे हत्याकांड को अंजाम दिया, जो कानून व्यवस्था को खुली चुनौती थी। पटना के पारस अस्पताल में गैंगस्टर चंदन मिश्रा की गोली मारकर दिनदहाड़े हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के सीसीटीवी फुटेज ने पुलिस को भी चौंका कर रख दिया था। वहीं पूरे बिहार को हिलाकर रखदेने इस हत्याकांड में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं, वहीं अब पुलिस के हाथ नया सुराग लगा है। पुलिस को पता चला है कि चंदन मिश्रा हत्याकांड की शुरुआत कोलकाता से हुई थी।
चंदन मिश्रा हत्याकांड ने मचाई थी बिहार में खलबली
बता दें चंदन मिश्रा हत्याकांड मामले का एक सीसीटीवी वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें पांच हथियारबंद लोग अस्पताल के आईसीयू में घुसते और चंदन मिश्रा पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाते नजर आए थे। बताया जा रहा है कि हमलावरों के साथ नीरज पासवान भी अस्पताल में मौजूद था। चंदन मिश्रा फिलहाल पैरोल पर बाहर था और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती था। वह बेऊर जेल में सजा काट रहा था और उस पर 12 हत्याओं समेत कुल 24 आपराधिक मामले दर्ज थे।
अब हुए ये खुलासा
इस हत्याकांड में हुए नए खुलासे के मुताबिक, हत्या की साजिश बिहार की जेल में रची गई थी, लेकिन हत्या पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जेल में बंद गैंगस्टर शेरू सिंह ने कराई है। बताया जा रहा है कि शेरू सिंह और शूटर तौसीफ के बीच दोस्ती पटना की बेऊर जेल में हुई थी। शेरू अभी पुरुलिया जेल में बंद है। चंदन मिश्रा की हत्या के सिलसिले में बिहार एसटीएफ ने शुक्रवार को जेल में शेरू सिंह से भी पूछताछ की थी।
एक समय दोस्त थे शेरू और चंदन
ओमकार सिंह उर्फ शेरू सिंह ने पुलिस को बताया कि चंदन और वह मिलकर काम करते थे। दोनों का एक गैंग था, लेकिन बाद में चंदन मिश्रा ने अपने रास्ते अलग कर लिए और वह उसका प्रतिद्वंदी बन गया। प्रतिद्वंदिता के चलते उसने चंदन की हत्या की साजिश रची, क्योंकि उसका धंधा चलने लगा था और वह मशहूर होने लगा था। दोनों क्रिकेट के शौकीन हैं।
जानकारी के मुताबिक, क्रिकेट खेलने के दौरान ही दोनों की मुलाकात हुई थी। साल 2009 में एक क्रिकेट मैच खेलते समय अनिल सिंह नामक युवक ने उनका झगड़ा हो गया और दोनों पर अनिल की हत्या करने के आरोप लगे। दोनों को बाल सुधार गृह भेजा गया, जहां से बाहर आने के बाद क्राइम की दुनिया से उनका नाम जुड़ गया, लेकिन जल्दी ही दोनों की राहें अलग हो गईं।
तौसीफ ने कराई हत्या
वहीं पटना के समनपुरा के रहने वाले तौसीफ के चचेरे भाई निशु खान को हत्या के दो दिन बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बिहार और कोलकाता पुलिस की ज्वाइंट ऑपरेशन में उसे कोलकाता के आनंदपुर इलाके के एक गेस्ट हाउस से पकड़ा गया। इस दौरान तौसीफ, हर्ष कुमार और भीम कुमार को भी हिरासत में लिया गया। पहले से गोली लगने से आंशिक रूप से लकवाग्रस्त होने के बावजूद, पुलिस का मानना है कि निशु खान इस हत्या की साजिश में सक्रिय रूप से शामिल था। जानकारी के मुताबिक, उसका समनपुरा वाला घर इस पूरी योजना का अहम ठिकाना था, जो अस्पताल के पास होने के कारण चुना गया ताकि वहां की निगरानी आसानी से की जा सके।
10 लाख देने का वादा
जांच में पता चला है कि इस हत्या की साजिश जेल में बंद गैंगस्टर शेरू सिंह ने रची थी, जो इस वक्त पुरुलिया जेल में है। उसने शूटर तौसीफ को 10 लाख रुपये देने का वादा किया था। हत्या से पहले तौसीफ समेत मोनू सिंह, बलवंत सिंह, अभिषेक और नीलेश जैसे बाकी साथी निशु खान के घर पर रुकते थे और वहीं से सारी तैयारी करते थे।
पहले से दर्ज हैं कई मामले
पटना के एसएसपी कार्तिकेय के. शर्मा ने बताया कि हत्या से पहले के सीसीटीवी फुटेज में शूटरों को निशु खान के घर पर इकट्ठा होते देखा गया है। निशु खान ने न केवल उन्हें ठहरने की जगह दी, बल्कि खाने-पीने और आने-जाने की व्यवस्था में भी मदद की। ऐसे में उसकी साजिश में अहम भूमिका की पुष्टि हुई है। सूत्रों के मुताबिक, निशु खान ने शूटरों को हथियार और बाइक मुहैया कराने के साथ-साथ बाकी ज़रूरी तैयारियों में भी मदद की थी। उसके खिलाफ पहले से ही शास्त्रीनगर समेत कई थानों में आर्म्स एक्ट, हत्या की कोशिश और वसूली जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। फिलहाल पुलिस उसके पढ़ाई और काम से जुड़ी पृष्ठभूमि की भी जांच कर रही है।
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