जल्दी ही देश के ऑडिटिंग कंपनियों को विज्ञापन निकालने की इजाजत मिल सकती है। अभी तक इन कंपनियों के प्रचार प्रसार पर रोक है। सरकार चाहती है कि भारतीय कंपनियां ग्लोबल मार्केट में जगह बनाएं। इसी वजह से नियमों में ढील देने पर विचार किया जा रहा है। आपने डॉक्टर,टीचर्स जैसे तमाम प्रोफेशनल्स के विज्ञापन अखबार,टीवी,होर्डिंग में देखे होंगे। लेकिन, चार्ट्ड अकाउंटेंट्स का विज्ञापन नहीं देखा होगा। सीए या सीए फर्म के विज्ञापन निकालने पर पाबंदी है।
इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने रखी मांग
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक्ट 1949 इसकी इजाजत नहीं देता। कानून के मुताबिक सीए और सीए फर्म्स सिर्फ लेख लिखकर अपने काम का प्रचार सकते हैं। अब इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने सरकार को विज्ञापन की इजाजत देने के लिए प्रस्ताव दिया है।
ग्लोबल ऑडिटिंग कंसल्टेंसी मार्केट में पैठ बनाने का लक्ष्य
इस मुद्दे पर चरणजोत सिंह नंदा, प्रेसिडेंट, ICAI ने कहा कि अब चार्टर्ड एकाउंटेंट भी विज्ञापन दे पाएंगे। इसके लिए नियमों में बदलाव पर विचार हो रहा है। अभी तक CA के विज्ञापन देने पर बैन है। अब ग्लोबल मार्केट में पैठ बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए बिग-4 का वर्चस्व तोड़ने की तैयारी है। ऑडिटिंग कंसल्टेंसी का बाजार 200 अरब डॉलर का है।
चार्ट्ड अकाउंटेंट्स एक्ट में संशोधन की तैयारी
बता दें कि ग्लोबल ऑडिटिंग और कंसल्टेंसी मार्केट में बिग 4 यानि चार बड़ी कंपनियों E&Y, Deloitte, KPMG और PwC का दबदबा है। भारत सरकार चाहती है कि करीब 240 बिलियन डॉलर के इस बाजार में भारतीय कंपनियां भी अपना हिस्सा बनाएं। भारत की चार्ट्ड अकाउंटेंट्स और टैक्स प्रोफेनल्स की विदेशों में काफी डिमांड है। चार्ट्ड अकाउंटेंट्स एक्ट में संशोधन करके सरकार मौजूदा विज्ञापन नियमों में राहत देने पर विचार कर रही है।