'ऑपरेशन ब्लू स्टार गलत था, इंदिरा गांधी ने अपनी जान देकर इसकी कीमत चुकाई': चिदंबरम का चौंकाने वाला बयान

Operation Blue Star: कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा है कि 1984 में स्वर्ण मंदिर में छिपे आतंकवादियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन ‘ब्लू स्टार’ सही तरीका नहीं था। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी

अपडेटेड Oct 12, 2025 पर 3:05 PM
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Operation Blue Star: भारतीय जनता पार्टी चिदंबरम के बयान को हथियार बनाकर कांग्रेस पर हमलावर हो गई है

Operation Blue Star: पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता पी. चिदंबरम ने 1984 में हुए 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' पर चौंकाने वाला बयान दिया हैउन्होंने कहा है कि स्वर्ण मंदिर में आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए की गई सेना की कार्रवाई का तरीका गलत था। कांग्रेस नेता ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उसकी कीमत अपनी जान देकर चुकाईअमृतसर के स्वर्ण मंदिर के अंदर से सिख अलगाववादियों को खदेड़ने के लिए भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया था। भारतीय जनता पार्टी अब चिदंबरम के बयान को हथियार बनाकर कांग्रेस पर हमलावर हो गई है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि 1984 में स्वर्ण मंदिर में छिपे आतंकवादियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशनब्लू स्टार’ सही तरीका नहीं था। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इसकी कीमत “अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।”

पूर्व गृह मंत्री ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के कसौली में एक किताब के विमोचन के दौरान कहा, "सभी आतंकवादियों को पकड़ने का कोई और तरीका हो सकता था, लेकिन ऑपरेशन 'ब्लू स्टार' गलत तरीका था। मैं मानता हूं कि श्रीमती गांधी ने इस गलती की कीमत अपनी जान देकर चुकाई। यह सेना, खुफिया विभाग, पुलिस और सिविल सुरक्षा एजेंसियों का संयुक्त निर्णय था और आप पूरी तरह से श्रीमती गांधी को दोषी नहीं ठहरा सकते।"


चिदंबरम ने खुशवंत सिंह साहित्य महोत्सव में पत्रकार और लेखिका हरिंदर बावेजा के साथ उनकी किताब 'दे विल शूट यू मैडम: माई लाइफ थ्रू कॉन्फ्लिक्ट' पर बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की। ऑपरेशनब्लू स्टारदमदमी टकसाल के नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले और आतंकवादियों को सिखों के सबसे पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर से खदेड़ने के लिए 1 से 10 जून, 1984 के बीच चलाया गया सैन्य अभियान था।

उसी साल तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी। 31 अक्टूबर 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई। इसका मुख्य कारण ऑपरेशन ब्लू स्टार का बदला लेना था।। इसके कारण पूरे भारत में व्यापक सिख विरोधी दंगे भड़क उठे।

उनके अंगरक्षकों, सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने उन्हें उस समय बहुत करीब से गोली मार दी जब वह अपने आवास के बगीचे में टहल रही थीं। पूर्व वित्त एवं गृह मंत्री ने कहा, "यहां किसी भी सैन्य अधिकारी का अनादर नहीं है। लेकिन वह (ब्लू स्टार) स्वर्ण मंदिर को पुनः प्राप्त करने का एक गलत तरीका था। कुछ वर्षों बाद हमने सेना को बाहर रखकर स्वर्ण मंदिर को पुनः प्राप्त करने का सही तरीका दिखाया।"

ब्लू स्टार के तुरंत बाद भारत सरकार ने ग्रामीण पंजाब में ऑपरेशन वुडरोज चलाया, जिसका उद्देश्य स्वर्ण मंदिर से भागे सशस्त्र अलगाववादियों को हिरासत में लेना था। इस ऑपरेशन का लक्ष्य ग्रामीण पंजाब में छिपे अलगाववादी थे। यह तरीका ऑपरेशन ब्लू स्टार से बिल्कुल अलग था। इस दौरान पांच सिख तख्तों में सबसे पवित्र अकाल तख्त को ध्वस्त कर दिया गया था। साथ ही कई पवित्र अवशेषों को नष्ट कर दिया गया था।

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अकाल तख्त को आखिरी बार 1764 में अहमद शाह अब्दाली ने क्षतिग्रस्त किया था। इस ऑपरेशन के बाद स्वर्ण मंदिर के गर्भगृह पर भी गोलियों के कई निशान थे। बेअंत सिंह को अन्य सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत गोली मार दी थी। जबकि सतवंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया, बाद में उन पर मुकदमा चलाया गया। 1989 में उन्हें फांसी दे दी गई।

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