दिल्ली के रेड फोर्ट के पास 10 नवंबर को हुए कार बम धमाके की जांच में नया खुलासा सामने आया है। मुख्य आरोपी मुजम्मिल अहमद गनाई ने पूछताछ में बताया कि उसके और जैश-ए-मोहम्मद की महिला कमांडर डॉक्टर शाहीन शाहिद के बीच प्रेम संबंध नहीं, बल्कि वैवाहिक रिश्ता था। दोनों ने सितंबर 2023 में अल-फलाह यूनिवर्सिटी के पास एक मस्जिद में निकाह कर लिया था, जहां शरिया कानून के तहत 5-6 हजार रुपये का मेहर तय हुआ। यह खुलासा जांच एजेंसियों के लिए चौंकाने वाला है, क्योंकि पहले इन्हें सिर्फ प्रेमी जोड़े माना जा रहा था।
मुजम्मिल ने अपने बयान में बताया है कि निकाह के बाद शाहीन ने जैश मॉड्यूल के लिए भारी फंडिंग की। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शाहीन ने हथियार और विस्फोटकों की खरीद के लिए 27-28 लाख रुपये मुहैया कराए। इसमें 2023 में मुजम्मिल को 6.5 लाख और 2024 में सुसाइड बॉम्बर डॉक्टर मुहम्मद उमर नबी को 3 लाख रुपये शामिल हैं, जिन्होंने फोर्ड ईकोस्पोर्ट कार खरीदी। शाहीन ने पूछताछ में इसे 'जकात' यानी धार्मिक दान बताया, लेकिन एजेंसियां इसे आतंकी फंडिंग मान रही हैं। NIA ने अब तक सात गिरफ्तारियां की हैं और कई गाड़ियां जब्त की हैं, जिनमें मारुति ब्रेजा भी शामिल है।
यह मॉड्यूल 'व्हाइट कॉलर' आतंकी नेटवर्क का हिस्सा था, जो जम्मू-कश्मीर से जुड़ा था। अल-फलाह मेडिकल यूनिवर्सिटी फरीदाबाद इसका केंद्र बनी हुई है, जहां से 32 कारें हथियारों और बमों के लिए तैयार की जा रही थीं।
मुजम्मिल, जिसे दिल्ली धमाके का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है, ने जांच में यह भी स्वीकार किया कि शाहीन ने न केवल फंडिंग की बल्कि संगठन के लिए भर्ती और नेटवर्किंग में भी अहम भूमिका निभाई। शाहीन को ‘मैडम सर्जन’ नाम से भी जाना जाता था, और वह कथित तौर पर जैश की योजनाओं में रणनीतिक भूमिका निभा रही थीं।
जांच एजेंसियां अब इस बात की पड़ताल कर रही हैं कि शाहीन द्वारा जुटाई गई रकम कहां-कहां खर्च हुई और किन-किन लोगों तक पहुंची। साथ ही, उनके विदेशी संपर्कों और आईएसआई से संभावित लिंक की भी जांच की जा रही है।