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Chinese FM Visit India: अगले सप्ताह भारत आएंगे चीन के विदेश मंत्री वांग यी, NSA अजीत डोभाल से करेंगे बातचीत

Chinese Foreign Minister To Visit India: चीन के विदेश मंत्री वांग यी इस सप्ताह भारत का दौरा करेंगे। वह दोनों देशों के बीच व्यापक सीमा मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के साथ बातचीत करेंगे। प्रमुख चीनी नेता की यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के लिए चीन की निर्धारित यात्रा से पहले हो रही है

अपडेटेड Aug 13, 2025 पर 5:10 PM
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Chinese Foreign Minister To Visit India: चीन के विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है

Chinese Foreign Minister To Visit India: भारत और चीन के बीच रिश्तों में तेजी से सुधार देखने को मिल रहा है। इस बीच, चीन के विदेश मंत्री वांग यी जल्द ही भारत का दौरा करने वाले हैं। उनके अगले हफ्ते भारत आने की उम्मीद है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारत-चीन के बीच व्यापक सीमा मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के साथ बातचीत करेंगे। चीनी विदेश मंत्री की यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के लिए चीन की निर्धारित यात्रा से पहले हो रही है।

दिल्ली में मामले के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने इस सप्ताह बताया कि सात साल के अंतराल के बाद प्रधानमंत्री मोदी इस महीने के अंत में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा कर सकते हैं। चीन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

पीएम मोदी जाएंगे चीन


चीन ने इस महीने के अंत में होने वाले तियानजिन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की संभावित यात्रा का स्वागत किया है। उसने उम्मीद जताई है कि यह आयोजन एकजुटता, मैत्री और सार्थक परिणामों का समागम होगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि चीन एससीओ तियानजिन शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करता है।

पीएम मोदी के 29 अगस्त के आसपास जापान की यात्रा पर जाने की उम्मीद है। इसके बाद वह एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए चीनी शहर तियानजिन जा सकते हैं। पीएम मोदी की जापान और चीन की दो देशों की यात्रा की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

प्रधानमंत्री मोदी पिछली बार जून 2018 में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन आए थे। चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग अक्टूबर 2019 में दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत गए थे। हालांकि, पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध के कारण दोनों देशों के बीच संबंधों तल्खी आ गई थी।

गलवान झड़प के बाद बढ़ा विवाद

पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ था। उसी वर्ष जून में गलवान घाटी में हुई झड़पों के परिणामस्वरूप संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया। पिछले वर्ष 21 अक्टूबर को हुए समझौते के तहत डेमचोक और देपसांग के अंतिम दो टकराव प्वाइंट से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद गतिरोध प्रभावी रूप से समाप्त हो गया।

पिछले साल पीएम मोदी-जिनपिंग की हुई थी मुलाकात

रूस के कजान में 23 अक्टूबर, 2024 को प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति चिनपिंग के बीच हुई बैठक में मुद्दों पर बातचीत को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया था। दोनों पक्षों ने संबंधों को पुनः सुदृढ़ करने के लिए कई पहल कीं। इनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर शुरू करना। नई दिल्ली द्वारा चीनी नागरिकों को पर्यटक वीजा जारी करने की फिर से शुरुआत करना शामिल था।

दोनों पक्ष दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवाएं फिर से शुरू करने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा कर रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पिछले दो महीनों में एससीओ बैठकों में भाग लेने के लिए चीन गए थे। चीन एससीओ का वर्तमान अध्यक्ष है।

मोदी-जिनपिंग फिर करेंगे मुलाकात?

यह अभी स्पष्ट नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति चिनपिंग एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बैठक करेंगे या नहीं। उम्मीद है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले शीर्ष नेताओं में शामिल होंगे।

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भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस से मिलकर बना एससीओ एक प्रभावशाली आर्थिक एवं सुरक्षा समूह है। यह सबसे बड़े अंतरक्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है। इसकी स्थापना 2001 में शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों द्वारा की गई थी।

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Aug 13, 2025 4:51 PM

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