वनतारा को क्लीन चिट: सुप्रीम कोर्ट ने SIT रिपोर्ट को किया स्वीकार, कहा- सभी नियमों का पालन हुआ

Clean chit to Vantara: सुप्रीम कोर्ट ने वनतारा को लेकर गठित SIT की रिपोर्ट स्वीकार कर ली है। अदालत ने कहा कि जानवरों की खरीद पूरी तरह नियमों के मुताबिक हुई है। जांच में किसी गड़बड़ी का सबूत नहीं मिला। खासकर हाथियों की खरीद में किसी कानून का उल्लंघन नहीं पाया गया। जानिए डिटेल।

अपडेटेड Sep 15, 2025 पर 2:34 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने वनतारा मामले में जांच के लिए 25 अगस्त को चार सदस्यीय SIT बनाई थी।

Clean chit to Vantara: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि गुजरात के जामनगर स्थित वनतारा (ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर) में जानवरों की खरीद कानून के मुताबिक है। सर्वोच्च अदालत ने पाया कि वनतारा में जानवरों को प्राथमिक दृष्टि से (prima facie) रेगुलेटरी सिस्टम यानी कानून और नियमों के अंदर रखा गया है। अदालत ने इस मामले की जांच के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन (SIT) की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया।

SIT की जांच में गड़बड़ी नहीं मिली

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की गठित SIT ने जांच में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं पाई। SIT को यह देखना था कि भारत और विदेशों से जानवरों की खरीद में सभी जरूरी कानूनों और नियमों का पालन हुआ है या नहीं। खासकर हाथियों की खरीद में।


कोर्ट ने रिपोर्ट पर जताया संतोष

जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस पी बी वराले की बेंच ने SIT की रिपोर्ट को रिकॉर्ड में शामिल किया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने वनतारा से जुड़ी प्रक्रियाओं और नियमों के पालन पर संतोष जताया है। यह रिपोर्ट शुक्रवार को दाखिल की गई थी और सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इसे पढ़ा। सुनवाई के दौरान जस्टिस मित्तल ने साफ कहा- 'जानवरों की खरीद नियमों के मुताबिक की गई है।'

पूर्व जज चेलमेश्वर थे SIT के प्रमुख

इस SIT की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जे. चेलमेश्वर ने की। वे अपने असहमति वाले फैसलों, कोलेजियम सिस्टम की आलोचना और अहम जजमेंट्स में अपनी भूमिका के लिए जाने जाते हैं।

2015 में जब सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल ज्यूडिशियल अपॉइंटमेंट्स कमीशन (NJAC) एक्ट को खारिज कर कोलेजियम सिस्टम को बरकरार रखा था, तब वे इकलौते जज थे जिन्होंने असहमति जताई थी। उनका कहना था कि न्यायाधीशों की नियुक्ति में पारदर्शिता और जवाबदेही संवैधानिक शासन के लिए बेहद जरूरी है।

25 अगस्त को बनी थी SIT

सुप्रीम कोर्ट ने 25 अगस्त को चार सदस्यीय SIT बनाई थी। इसका मकसद वनतारा में कानून के पालन के साथ की भारत और विदेश से जानवरों की खरीद से जुड़ी शिकायतों पर तथ्यात्मक जांच की जा सके। सबसे ज्यादा जोर हाथियों की खरीद पर था। जांच दल को वनतारा में किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं मिला।

पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने सी. आर. जया सुकीन की उस याचिका को 'पूरी तरह अस्पष्ट' बताया था, जिसमें उन्होंने मॉनिटरिंग कमेटी बनाने और वनतारा में मौजूद हाथियों को उनके मालिकों को लौटाने की मांग की थी।

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First Published: Sep 15, 2025 2:34 PM

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