Cloudburst in Doda: जम्मू-कश्मीर के डोडा में बादल फटने से तबाही! 10 से ज्यादा घर तबाह, 4 लोगों की मौत

Doda Cloudburst: तीन दिनों से जारी मूसलाधार बारिश के बीच जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में मंगलवार (26 अगस्त) को बादल फटने से चार लोगों की मौत हो गई। इससे पहले कठुआ और किश्तवाड़ में भी इसी तरह की आपदाएं आई थीं। अधिकारियों ने बताया कि अचानक हुई भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ आ गई जिससे 10 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं

अपडेटेड Aug 26, 2025 पर 3:03 PM
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Cloudburst in Doda: जम्मू-कश्मीर के डोडा में 2 जगह से बादल फटने की रिपोर्ट आई है

Cloudburst in Doda: जम्मू-कश्मीर में जारी मूसलाधार बारिश के बीच मंगलवार (26 अगस्त) को बादल फटने से भारी तबाही देखने को मिली। कई जगहों पर बादल फटने से 10 से ज्यादा घर बह गए हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, डोडा में बादल फटने की वजह से कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है। भलेसा, थाथरी और मरमत में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में कई पुल भी बह गए। डोडा जिले के भलेसा इलाके में भारी बारिश के बीच बादल फटने की खबर मिली है। डोडा के उपायुक्त हरविंदर सिंह ने बताया कि लगातार बारिश के कारण दो जगहों पर बादल फटने की घटना हुई है।

अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण डोडा में नदी उफान पर है। डिप्टी कमिश्नर हरविंदर सिंह ने कहा, "3 दिन से लगातार बारिश जारी है और बीती रात काफी ज्यादा बारिश हुई है...2 जगह से बादल फटने की रिपोर्ट आई है...कुछ घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं...3 फूट ब्रिज बह गए हैं...जो लोग चिनाब नदी के आसपास बसे हैं, वहां से लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट कर दिया गया है।" लगातार भारी बारिश के कारण जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में व्यापक जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

अधिकारियों ने बताया कि अचानक हुई भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ आ गई जिससे 10 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इससे पहले कठुआ और किश्तवाड़ में भी इसी तरह की आपदाएं आई थीं। हाल के दिनों में लगातार भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं।


मंगलवार को रामबन जिले में कई भूस्खलनों के कारण जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे (NH-44) पर ट्रैफिक ठप हो गया। गिरती चट्टानों के कारण हाईवे के कई हिस्से अभी भी अवरुद्ध हैं। इससे गंभीर खतरा बना हुआ है। अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए निवासियों और यात्रियों को सलाह दी है कि वे बेहद जरूरी न होने पर ही इस रूट का इस्तेमाल करें।

जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश का अलर्ट जारी

इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) न कठुआ, सांबा, डोडा, जम्मू, रामबन और किश्तवाड़ समेत जम्मू क्षेत्र के कई जिलों में मूसलाधार बारिश का अलर्ट जारी किया है। केंद्र शासित प्रदेश में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

भारी बारिश के कारण रियासी जिले के सीला गांव के पास भूस्खलन हुआ है। इसके कारण कटरा-शिवखोड़ी नेशनल हाईवे बंद हो गया है। हाईवे पर मलबा और चट्टानें गिर गई हैं, जिससे ट्रैफिक ठप हो गया है। पुलिस और प्रशासन ने तुरंत ट्रैफिक को वैकल्पिक रूट्स से डायवर्ट कर दिया है। डीएसपी रियासी, विशाल जामवाल ने बताया कि बलवा रोड भी बारिश से प्रभावित हुआ है।

अधिकारियों ने जारी की चेतावनी

चिनाब नदी का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे कुछ इलाकों में चिंता बढ़ गई है। ऐसे स्थानों पर SDRF की टीमें तैनात की गई हैं। प्रशासन ने निवासियों, खासकर नदी किनारे रहने वालों को सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से बाहर जाने से बचने की सलाह दी है।

इन नदियों का बढ़ा जलस्तर

लगातार बारिश के कारण जम्मू क्षेत्र के कई जिलों में गंभीर बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। कई नदियां गंभीर खतरे के स्तर को पार कर गई हैं। सांबा जिले में बसंतर नदी 9.0 फीट के स्तर पर पहुंच गई है, जो निकासी स्तर से काफी अधिक है। इस नदी का अब तक का सबसे ज्यादा जलस्तर है। इस बीच, देवक नदी भी अपने खतरे के निशान 4.3 फीट से ऊपर बह रही है, जो निकासी सीमा से सिर्फ छह इंच कम है। इसके अलावा बेईं नाला वर्तमान में अपने चेतावनी स्तर 3.3 फीट के करीब पहुंच रहा है, जो बिगड़ती स्थिति का संकेत है।

उधमपुर जिले में भी स्थिति चिंताजनक है क्योंकि तवी नदी अपने निकासी स्तर से सात फीट ऊपर बह रही है। इसके कारण अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहना पड़ रहा है। इसी तरह कठुआ में तरनाह नदी अपने खतरे के स्तर 4.6 फीट को पार कर गई है। उज्ह नाले के दोनों हिस्से पंजतीर्थी और कठुआ में निकासी स्तर से ऊपर उठ गए हैं।

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रावी नदी अपने खतरे के निशान के करीब बह रही है। जम्मू जिले में तवी नदी 14 फीट के अलर्ट स्तर पर पहुंच गई है। जबकि अखनूर में चिनाब नदी 30 फीट 8 इंच पर बह रही है, जो बाढ़ के अलर्ट स्तर से केवल 1 फीट 4 इंच नीचे है। बलोले नाला भी थोड़ी शांति के साथ सुरक्षित सीमा के भीतर है और अलर्ट सीमा से 4 फीट 8 इंच नीचे बह रहा है। पुंछ जिले में स्थिति फिलहाल स्थिर है। सुरन नदी, पुंछ नदी और मेंढर नाला सभी वर्तमान में अलर्ट स्तर से काफी नीचे बह रहे हैं।

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