Shivraj Patil Profile: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार सुबह महाराष्ट्र में उनके गृह नगर लातूर में निधन हो गया। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक उनके परिवार का कहना है कि शिवराज पाटिल कुछ समय से बीमार थे और उन्होंने अपने निवास ‘देवघर’ में ही अंतिम सांस ली। वह 90 वर्ष के थे। परिजनों का कहना है कि उनका अंतिम संस्कार शनिवार को किया जा सकता है। शिवराज पाटिल कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे और कई मंत्रालयों का काम संभाला। वह इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह की कैबिनेट में काम कर चुके थे। उनके गुजरने के बाद अब उनके परिवार में बेटा शैलेश पाटिल, बहू अर्चना और दो पोतियां हैं। उनकी बहू ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर लातूर शहर से कांग्रेस के अमित देशमुख के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गयी थीं।
कैसा रहा शिवराज पाटिल का जीवन?
शिवराज पाटिल का जन्म 12 अक्टूबर, 1935 को लातूर जिले के चाकूर जिले में हुआ था। उन्होंने हैदराबाद की ओस्मानिया यूनिवर्सिटी से साइंस में डिग्री ली और बॉम्बे यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की। वर्ष 1966 और 1970 के बीच लातूर नगर परिषद प्रमुख के रूप में उन्होंने अपना राजनीतिक सफर शुरू किया और इसके बाद दो कार्यकाल के लिए विधायक चुने गए। वह 1977 से 1979 के बीच महाराष्ट्र विधानसभा में डिप्टी स्पीकर और स्पीकर समेत कई अहम पदों पर रहे। अब केंद्र के राजनीति की बात करें तो उन्होंने वर्ष 1980 से लगातार लातूर लोकसभा सीट से सात बार जीत हासिल की और 1991 से 1996 तक लोकसभा के 10वें अध्यक्ष रहे। 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी की रूपताई पाटिल निलंगेकर से हार का सामना करना पड़ा। वह राज्यसभा सदस्य भी रहे।
अब सरकार में उनके काम की बात करें तो पहली बार इंदिरा गांधी की सरकार में 1980-82 में उन्होंने मिनिस्टर ऑफ स्टेट ऑफ डिफेंस का पद संभाला। फिर 1982-83 में उन्होंने कॉमर्स मिनिस्ट्री का स्वतंत्र प्रभार संभाला। इंदिरा गांधी की सरकार में उन्होंने साइंस और टेक्नोलॉजी समेत कई केंद्रीय मंत्रालयों का कार्यभार संभाला। राजीव गांधी की सरकार में उन्होंने मंत्रालयों का काम संभाला। शिवराज पाटिल 2004 से 2008 तक केंद्रीय गृह मंत्री रहे। वर्ष 2008 में उन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद इस्तीफा दे दिया था। मुंबई आतंकी हमले के बाद भी राजनीति में वह सक्रिय रहे और वह पंजाब के राज्यपाल रहे और उन्होंने 2010 से 2015 तक चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक के रूप में भी कार्य किया। एक दिलचस्प बात ये भी है कि वर्ष 2007 के राष्ट्रपति चुनाव के समय उनके नाम पर भी चर्चा हुई थी लेकिन लेफ्ट के विरोध पर सोनिया गांधी ने प्रतिभा पाटिल का नाम आगे बढ़ाया था, जो उस समय राजस्थान की राज्यपाल थीं।
शिवराज पाटिल का नाम विवादों में भी आया है। मुंबई आतंकी हमले के समय वह कपड़े बदलने को लेकर सुर्खियों में रहे। इसे लेकर उनकी काफी आलोचना हुई थी। बाद में उन्होंने आतंकी हमले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी आत्मकथा से इस घटना को हटा देने के लिए भी उनकी आलोचना होती है।