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MP Cough Syrup Death: मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की किडनी फेल, 'जानलेवा' दवा से छिंदवाड़ा में 9 मासूमों की मौत

MP Cough Syrup Death: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में जिन 9 बच्चों की मौत हुई, उनमें से कम से कम पांच को कोल्ड्रेफ़ (Coldref) दिया गया था। जबकि एक ने नेक्सट्रो सिरप (Nextro syrup) लिया था। निजी डॉक्टरों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। एडवाइजरी में कहा गया है कि किसी भी वायरल मरीज का निजी तौर पर इलाज न किया जाए

अपडेटेड Oct 03, 2025 पर 1:35 PM
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Cough Syrup Death: गुरुवार यानी 2 अक्तूबर की देर रात तक छिंदवाड़ा में 9 बच्चों की मौत हो चुकी है

Cough Syrup Death: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक महीने के अंदर किडनी फेल होने के कारण 9 मासूम बच्चों की मौत से हड़कंप मच गया है। शुरुआत में ये मौसमी बुखार के सामान्य मामले लग रहे थे। लेकिन अब ये मामले जानलेवा रूप ले चुके हैं। मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्य राजस्थान में भी कुछ दिन पहले ऐसी ही मौत की दर्दनाक खबर आई थी। 'इंडिया टुडे' के मुताबिक, गुरुवार देर रात तक छिंदवाड़ा में 9 बच्चों की मौत हो चुकी है।

एक अधिकारी ने कहा कि एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। 1 अक्टूबर तक छह मौतें दर्ज की गई थीं।इन दुखद घटनाओं के बाद डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप के बैचों की तत्काल जांच की गई। राज्य भर में सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। वर्तमान में सर्दी, बुखार और फ्लू जैसे लक्षणों से प्रभावित 1,420 बच्चों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि पीड़ितों पर किए गए पानी और मच्छर-संबंधी टेस्ट सामान्य रहे।

जिन नौ बच्चों की मौत हुई, उनमें से कम से कम पांच को कोल्ड्रेफ़ (Coldref) दिया गया था। जबकि एक ने नेक्सट्रो सिरप (Nextro syrup) लिया था। निजी डॉक्टरों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। एडवाइजरी में कहा गया है कि किसी भी वायरल मरीज का निजी तौर पर इलाज न किया जाए, बल्कि उसे सीधे सिविल अस्पताल भेजा जाए।

राजस्थान में दो बच्चों की मौत होने और पिछले दो सप्ताह में कई अन्य लोगों के बीमार पड़ने के मामलों में खांसी के एक जेनरिक सिरप की भूमिका सामने आने के बाद राज्य सरकार ने इस दवा के 22 बैच पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही जांच के आदेश दिए हैं। यह सिरप सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से वितरित किया जाता था।

औषधि नियंत्रक अजय पाठक ने पत्रकारों को बताया कि विभाग को खांसी का सिरप पीने के बाद बच्चों के बीमार पड़ने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उन्होंने कहा, "हमारे औषधि निरीक्षकों ने सीकर, झुंझुनू और भरतपुर से सैंपल लिए किए हैं। जांच रिपोर्ट तीन दिनों के भीतर आने की उम्मीद है। यह सिरप पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं देना चाहिए।"


यह मामला उस वक्त सामने आया जब सीकर जिले में पांच वर्षीय एक बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मृत्यु चिराना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर दी गई खांसी के सिरप का सेवन करने के कुछ घंटों बाद हुई। दादिया थाने के सहायक उपनिरीक्षक रोहिताश कुमार ने बताया कि मुकेश शर्मा के बेटे नितीश को चिराना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में खांसी का सिरप दिया गया था। रात में बच्चे की हालत बिगड़ गई। सुबह अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई।

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इस घटना ने 22 सितंबर को भरतपुर में हुई एक अन्य घटना की ओर ध्यान आकर्षित किया, जहां दो वर्षीय सम्राट जाटव की मृत्यु हो गई थी। इस बच्चे की मृत्यु भी स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र से प्राप्त सिरप के सेवन के बाद हुई थी। इन मौतों के बाद राजस्थान सरकार ने सिरप के 22 बैच पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है और मौजूदा भंडार को वापस लेने का आदेश दिया है।

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