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Darjeeling: दार्जिलिंग में लैंडस्लाइड से हाहाकार, 28 की मौत, कई लापता; भूटान के टाला डैम से बंगाल में बाढ़ का खतरा

Darjeeling Landslide: दार्जिलिंग जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। मिरिक और सुखिया पोखरी जैसे इलाकों में ज्यादा तबाही देखने को मिली है। कई सड़कें धंस गई हैं, पुल ढह गए हैं, जबकि कई घर पानी के तेज बहाव में बह गए है

अपडेटेड Oct 06, 2025 पर 10:33 AM
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दार्जिलिंग का मिरिक जो अपनी सुंदर सुमेंदु झील और कंचनजंगा के दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है, वहां इस त्रासदी में भयंकर तबाही हुई है

Darjeeling: पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में भारी बारिश और लैंडस्लाइड ने भयानक तबाही मचा दी है, जिसमें अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग अभी भी लापता हैं। इस त्रासदी के बीच उत्तरी बंगाल के डुअर्स क्षेत्र पर बाढ़ का नया खतरा मंडरा रहा है। दरअसल पड़ोसी देश भूटान के ताला हाइड्रोपावर डैम के ओवरफ्लो होने के कारण अधिकारियों ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है।

भूटान की इस चेतावनी के बाद NDRF ने अलीपुरद्वार में अपनी टीम को 'सर्वोच्च सतर्कता स्तर' पर रखा है। छुट्टी पर गए सभी कर्मियों को वापस बुला लिया गया है, और भारत-भूटान सीमा के पास के निचले इलाकों में बचाव कार्य को मजबूत करने के लिए सिलीगुड़ी से 15 अतिरिक्त बचावकर्मी भेजे जा रहे हैं।

टेक्निकल खराबी की वजह से नहीं खुल पा रहे डैम के गेट


भूटान के नेशनल सेंटर फॉर हाइड्रोलॉजी एंड मेट्रोलॉजी (NCHM) ने बताया कि ताला बांध के गेट में तकनीकी खराबी आ गई है, जिससे गेट खुल नहीं पाए। नतीजतन, नदी का पानी बांध के ऊपर से बहना शुरू हो गया है। भूटान ने आधिकारिक तौर पर पश्चिम बंगाल सरकार को चेतावनी दी है कि निचले इलाकों में पानी का बड़ा बहाव आ सकता है, इसलिए वे तैयार रहें।

सड़कें टूटीं-पुल ढहे दार्जिलिंग में चारों तरफ है तबाही का मंजर

दार्जिलिंग जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। मिरिक और सुखिया पोखरी जैसे इलाकों में ज्यादा तबाही देखने को मिली है। कई सड़कें धंस गई हैं, पुल ढह गए हैं, जबकि कई घर पानी के तेज बहाव में बह गए है। भयंकर लैंडस्लाइड के कारण कई गांव क्षेत्र के बाकी हिस्सों से कट गए है। मिरिक जो अपनी सुंदर सुमेंदु झील और कंचनजंगा के दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है, वहां इस त्रासदी में 13 शव बरामद किए गए है। कोलकाता के एक पर्यटक सहित दस लोग अभी भी लापता हैं। अधिकारियों को डर है कि ऊपरी पहाड़ियों तक बचाव टीमें पहुंचने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि वहां संचार लाइनें अभी भी ठप है।

रिकॉर्ड हुई बारिश

शनिवार सुबह 8 बजे से 24 घंटों में दार्जिलिंग में 261 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसे 'अत्यधिक भारी बारिश' की श्रेणी में रखा गया है। कूचबिहार और जलपाईगुड़ी में भी भारी बारिश हुई है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर भूटान की पहाड़ियों में भारी बारिश जारी रहती है और पूर्वी उत्तर प्रदेश से तूफान प्रणाली डुअर्स क्षेत्र की ओर बढ़ती है, तो उत्तरी बंगाल की नदियों में पानी का स्तर तेजी से बढ़ सकता है, जिससे पहले से ही संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा और बढ़ जाएगा।

NDRF का बचाव अभियान जारी

NDRF के उप महानिरीक्षक मोहसिन शहीदी ने बताया कि दार्जिलिंग, सिलीगुड़ी और अलीपुरद्वार से तीन टीमें पहले ही तैनात कर दी गई हैं। राहत और बचाव कार्य में मदद के लिए मालदा और कोलकाता से दो और टीमें रास्ते में हैं। शहीदी ने कहा, 'हमारे कर्मी लापता लोगों का पता लगाने और फंसे हुए ग्रामीणों की मदद करने में जुटे हुए हैं।'

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