Swami Chaitanyananda Saraswati: दिल्ली के एक आश्रम में 17 महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की गिरफ्तारी के बाद अब एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं। बता दें कि, फिलहाल चैतन्यानंद को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर है और जांच में जांच में सामने आया है कि फरार रहने के दौरान उन्होंने करीब 40 दिनों में 13 होटल बदले और मथुरा-वृंदावन के कई आश्रमों में छिपकर गिरफ्तारी से बचने की कोशिश की। भारत लौटने के बाद चैतन्यानंद सरस्वती को पता चला कि उनके खिलाफ गैर-जमानती धाराओं में मामला दर्ज हो चुका है। उन्होंने पहले अग्रिम जमानत के लिए याचिका डाली, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया और इसके बाद फरार हो गए।
13 होटलों में बदला ठिकाना
जांच में सामने आया कि चैतन्यानंद लगातार ठिकाने बदलता रहा और कम से कम 13 होटलों में ठहरे, जहां सीसीटीवी या आईडी चेकिंग जैसी सख्ती नहीं थी। पुलिस के अनुसार, उनके पास तीन मोबाइल फोन और एक आईपैड था, लेकिन ट्रैकिंग के डर से उन्होंने उनका इस्तेमाल नहीं किया। इसके बजाय, वह अपने सहयोगी के फोन से होटल बुक करवाते और कम-प्रोफाइल जगहों पर रुकना पसंद करते थे।
चैतन्यानंद के पास से बरामद हुई ये चीजें
पूछताछ में पुलिस ने पाया कि चैतन्यानंद बार-बार सांस की तकलीफ का बहाना बनाकर समय निकालने की कोशिश कर रहा था और उसने अपने डिवाइस के पासवर्ड देने से भी इनकार कर दिया। फिलहाल उसके फोन जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) भेजे गए हैं। आरोपी जुलाई से विदेश में था और 6 अगस्त को भारत लौटा। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी के लिए कई पुलिस टीमें बनाई गईं और उसे देश छोड़कर भागने से रोकने के लिए लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया।
आगरा से हुई गिरप्तारी
बता दें कि, दिल्ली पुलिस की टीम ने 62 वर्षीय सरस्वती को आगरा के एक होटल से सुबह करीब 3:30 बजे गिरफ्तार किया। वह 4 अगस्त को दर्ज शिकायत के बाद दिल्ली से फरार हो गया था, जिसमें उस पर छात्राओं, खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की छात्राओं का यौन शोषण करने का आरोप लगा था। जांचकर्ताओं के मुताबिक, आरोपी और उसके सहयोगियों ने अधिकारियों को गुमराह करने के लिए पीएमओ से संबंध होने का झूठा दावा किया और इसी बहाने मदद हासिल की। सरस्वती को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है, जहां उसका सामना उन तीन महिला सहयोगियों से कराया जाएगा, जिन्होंने छात्राओं को धमकाने और उसके भेजे गए अश्लील संदेशों को हटवाने में उसकी मदद की थी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि, आरोपी को पूछताछ के लिए संस्थान ले जाया जा सकता है। अधिकारी ने यह भी बताया कि उसके पास से नकली विजिटिंग कार्ड बरामद हुए हैं, जिन पर उसे संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) का स्थायी राजदूत, ब्रिक्स आयोग का सदस्य और भारत का विशेष दूत बताया गया है। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी के पास धोखाधड़ी से हासिल किए गए दो पासपोर्ट थे—एक स्वामी पार्थ सारथी के नाम पर और दूसरा स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के नाम पर।
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