Delhi Blast Case: कानपुर के डाक्टर को ATS ने हिरासत में लिया, दिल्ली ब्लास्ट से क्या है कनेक्शन?

Delhi Blast Case: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग का रहने वाला 32 वर्षीय डॉ. मोहम्मद आरिफ दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े संदिग्धों से पूछताछ के दौरान हुए खुलासों के बाद एटीएस की रडार पर आया। जाचकर्ताओं को संदेह है कि आरिफ, डॉ. शाहीन और उनके भाई डॉ. परवेज के साथ लगातार संपर्क में था। दोनों से गहन पूछताछ की गई है

अपडेटेड Nov 13, 2025 पर 4:08 PM
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दिल्ली लाल किला ब्लास्ट साजिश का खुलासा, 8 आतंकियों ने रची थी चार शहरों में धमाकों की योजना

Red Fort Attack Update: उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने हाल ही में दिल्ली में हुए विस्फोट की जांच के सिलसिले में कानपुर के कार्डियोलॉजी की पढ़ाई कर रहे एक डाक्टर को हिरासत में लिया हैएक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डॉक्टर की पहचान 32 वर्षीय डॉ. मोहम्मद आरिफ के रूप में हुई हैवह राजकीय गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल (जीएसवीएम) मेडिकल कॉलेज में डीएम (कार्डियोलॉजी) फर्स्ट ईयर का छात्र हैउसे एक अज्ञात स्थान से हिरासत में लिया गया

बाद में एटीएस की एक टीम ने नजीराबाद के अशोक नगर स्थित उनके किराए के आवास की तलाशी लीफोरेंसिक जांच के लिए उनका मोबाइल फोन और लैपटॉप जब्त कर लियाइसके बाद उसे पूछताछ के लिए दिल्ली ले जाया गयाअधिकारी ने आगे कहा, "उनका दिल्ली विस्फोट मामले में पहले से गिरफ्तार लोगों से आमना-सामना कराया जा सकता है"

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग का रहने वाला 32 वर्षीय डॉमोहम्मद आरिफ जीएसवीएम की पूर्व प्रोफेसर डॉ. शाहीन सईद से पूछताछ के दौरान हुए खुलासों के बाद एटीएस की रडार पर आया उन्हें इसी मामले में पहले गिरफ्तार किया गया थाजाचकर्ताओं को संदेह है कि आरिफ, डॉ. शाहीन और उनके भाई डॉ. परवेज के साथ लगातार संपर्क में थादोनों से गहन पूछताछ की गई है

दिल्ली ब्लास्ट से क्या है कनेक्शन?

सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट के दिन आरिफ, डॉ. शाहीन के नेटवर्क से कथित तौर पर जुड़े लोगों के साथ फोन पर संपर्क में थाउसने हाल ही में जम्मू-कश्मीर का भी दौरा किया था, जिससे संदेह और बढ़ गयाजब एटीएस के जवान उसके घर पहुंचे, तो उसने कथित तौर पर अपने फोन से डेटा डिलीट करने की कोशिश कीलेकिन अधिकारियों ने समय रहते डिवाइस को जब्त कर लिया


उसके कॉल रिकॉर्ड और चैट के विश्लेषण से कथित मास्टरमाइंड और अन्य संदिग्धों के साथ उसके संपर्क का संकेत मिला हैजांचकर्ताओं का मानना है कि आतंकी समूह ने ड्राफ्ट संदेशों का आदान-प्रदान करने के लिए एक साझा ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया. ये अक्सर आतंकवादी संगठन इलेक्ट्रॉनिक निगरानी से बचने के लिए अपनाते हैं

इस घटना से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और छात्रों में खासकर कार्डियोलॉजी विभाग में बेचैनी फैल गई हैआरिफ ने तीन महीने पहले ऑल इंडिया काउंसलिंग के जरिए एडमिशन लिया थाइस घटना की पुष्टि करते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (कार्डियोलॉजी) डॉ. ज्ञानेंद्र ने कहा, "डॉ. आरिफ ने तीन महीने पहले ऑल इंडिया काउंसलिंग के ज़रिए यहां एडमिशन लिया था"

किसी से नहीं करता है बातचीत

उन्होंने पीटीआई से कहा, "वह कल दोपहर ड्यूटी पर थे और बाद में कैंपस के बाहर अपने आवास पर चले गएशाम लगभग 7 बजे हमें बताया गया कि एक टीम उन्हें पूछताछ के लिए ले गई हैवह कश्मीर से थे। वह कैंपस के बाहर रहते थेवह आते, चुपचाप काम करते और चले जाते थे"

डॉ. ज्ञानेंद्र ने कहा कि एहतियात के तौर पर पहले, दूसरे और थर्ड ईयर के सभी कार्डियोलॉजी छात्रों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है आरिफ के मकान मालिक कन्हैया लाल ने बताया कि डॉक्टर लगभग एक महीने से उनके घर की दूसरी मंजिल पर एक अन्य डॉक्टर अभिषेक के साथ किराए पर रह रहे थे

कन्हैया लाल ने पत्रकारों को बताया, "शाम करीब साढ़े सात बजे, चार सदस्यों की एक टीम सीधे उसके कमरे में आईउनके पास पहले से ही चाबियां थीं। उन्होंने पूरे कमरे की तलाशी ली। उसे फिर से बंद कर दिया और चुपचाप चले गए"

किससे करता था मुलाकात?

उन्होंने आगे बताया कि आरिफ ने कमरा किराए पर लेने से पहले अपना पहचान पत्र जमा कर दिया थाउन्होंने कभी कोई संदिग्ध गतिविधि या असामान्य विजिटर्स नहीं देखेएक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नामछापने की शर्त पर पुष्टि की है कि आरिफ को कानपुर में हिरासत में लिया गया थाबाद में आगे की पूछताछ के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों को सौंप दिया गया

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कानपुर के पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने पीटीआई को बताया कि उन्हें हिरासत की सूचना मिली थीउन्होंने रिपोर्टों की पुष्टि के लिए एक टीम भेजी थीइस बीच, एटीएस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीमें डॉ. शाहीन के नेटवर्क से जुड़े किसी भी अतिरिक्त लिंक का पता लगाने के लिए कानपुर में अभियान जारी रखे हुए हैंअधिकारियों ने संकेत दिया कि जांच आगे बढ़ने पर और नाम सामनेसकते हैं

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